झारखंड में महागठबंधन सरकार के घटकों के बीच दरार पैदा हो गई है. कांग्रेस द्वारा महागठबंधन की अहम बैठक से खुद को किनारे रखने से ऐसे सवाल उठ रहे हैं. विधानसभा सत्र की रणनीति तय करने के लिए UPA यानी महागठबंधन यानी रूलिंग Alliance की बैठक गुरुवार शाम को सीएम आवास पर बुलाई गई थी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बुलाई गई सत्तारूढ़ दल की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं हुए, जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. दूसरी तरफ कांग्रेस के तमाम विधायक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर उसी दौरान बैठक कर रहे थे.
बताया जा रहा है कि कई मुद्दों पर हेमंत सरकार से कांग्रेस खफा है. ये भी जानकारी मिल रही थी कि कांग्रेस के आलाअधिकारियों की बात भी जेएमएम नहीं मान रहा है. इसकी वजह से UPA की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं होकर इस बात का विरोध दर्ज कराया.
सबसे खास बात यह है कि एक तरफ सीएम के आवास पर बुलाई गई बैठक में झामुमो के अलावा राजद के मंत्री मौजूद थे. तो दूसरी तरफ कांग्रेस के तमाम विधायक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर बैठक कर रहे थे. यूपीए गठबंधन में अचानक पड़ी इस गांठ के बारे में कोई भी साफ-साफ कहने को तैयार नहीं है. मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर हुई बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों ने डिनर का भी आनंद उठाया है.
ज़ाहिर है कांग्रेस दबाव की राजनीति भी कर रही है और मुख्यमंत्री समेत JMM को संदेश देना चाहती है कि सरकार में उसकी बातों को तवज्जो नही दिए जाने से वो खुश नहीं. दरार बढ़ी तो सरकार के सेहत के लिए बताया जा रहा है कि अच्छा नहीं होगा.