सरायकेला पहले रियासत थी. इसकी स्थापना 1620 में कुंवर विक्रम सिंह प्रथम ने की थी. जबकि, खरसावां रियासत की स्थापना 1650 में कुंवर पद्म सिंह ने की. आजादी के बाद दोनों ही रियासतों का विलय बिहार राज्य में हुआ. वर्ष 2000 में झारखंड जैसे ही बिहार से अलग हुआ सरायकेला-खरसावां को पश्चिम सिंहभूम से अलग कर झारखंड का 24वां जिला घोषित कर दिया गया. यह जिला पूर्व में पूर्वी सिंहभूम, दक्षिण पश्चिम सिंहभूम और उत्तर में पश्चिम बंगाल का पुरुलिया जिला है.
सरायकेला-खरसावां में भारी मात्रा में एस्बेस्टस, काइनाइट आदि खनिजों की भारी मात्रा में पाए जाते हैं. सरायकेला संगीत और नृत्य के लोगों का मक्का है. यह विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य का गढ़ है. यहीं से इस नृत्य को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. सरायकेला-खरसावां के चारों तरफ जंगल, पहाड़, नदियां आदि हैं. सरायकेला खरकई नदी के किनारे बसा है.
सरायकेला-खरसावां की राजनीतिः झामुमो का गढ़ है ये विधानसभा सीट
सरायकेला-खरसावां जिले में सरायकेला तथा चांडिल दो अनुमंडल तथा कुल नौ प्रखंड/अंचल हैं. ये हैं - सरायकेला, खरसावां, गम्हरिया, राजनगर, कुचाई, चांडिल, ईचागढ़, नीमडीह और कुकड़ू. सरायकेला में पिछली तीन विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के चंपई सोरेन ही विधायक हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में चंपई सोरेन ने भाजपा के गनेश माहली को 1115 वोटों से हराया था. यहां 2005 से अब तक भाजपा अपना विधायक नहीं बना पाई. खरसावां से भी झामुमो के दशरथ गागरई विधायक हैं. 2014 में इन्होंने भाजपा के अर्जुन मुंडा को 11966 वोटों से हराया था. ईचागढ़ से भाजपा के साधु चरण महतो विधायक हैं. इन्होंने पिछले चुनाव में झामुमो की सबिता महतो को 42250 वोटों से हराया था.
सरायकेला-खरसावां की आबादी 10.65 लाख, साक्षरता 67.7% है
2011 की जनगणना के अनुसान सरायकेला-खरसावां की कुल आबादी 1,065,056 है. इनमें से 544,411 पुरुष और 520,645 महिलाएं हैं. जिले का औसत लिंगानुपात 956 है. जिले की 24.3 फीसदी आबादी शहरी और 75.7 फीसदी ग्रामीण इलाकों में रहती है. जिले की औसत साक्षरता दर 67.7 फीसदी है. पुरुषों में शिक्षा दर 67.11 फीसदी और महिलाओं में 47.57 फीसदी है.
सरायकेला-खरसावां की जातिगत गणित
सरायकेला-खरसावां की कुल आबादी में से 430,051 लोग किसी न किसी तरह के काम में लगे हैं. इनमें से 53.2 फीसदी आबादी या तो स्थाई रोजगार में है या फिर साल में 6 महीने से ज्यादा कमाई करते हैं.
दलमा टॉप चांडिल ब्लॉक मे स्थित है. यह समुद्र तल से 3000 फीट ऊंचाई पर मौजूद है. भगवान शिव का प्राचीन मंदिर हैं. यहां हर साल लाखों की संख्या में शिवभक्त आते हैं. यहां का सबसे बड़ा पर्यटक स्थल है चांडिल बांध. यह बांध स्वर्णरेखा और काकोरी नदी के संगम स्थल पर बना है. यहां पास में ही एक संग्रहालय हैं जहां चट्टानों पर लिखी 2000 साल पुरानी लिपियां हैं.