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झारखंड: हेमंत सरकार के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, छठी जेपीएससी रद्द करने की मांग

छात्रों का कहना है कि छठीं जेपीएससी परीक्षा में गलत ढंग से चयनित 326 अधिकारियों को हाईकोर्ट ने सात जून को अवैध घोषित करते हुए जेपीएससी के दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश भी दिया था लेकिन हेमंत सरकार ने अभी तक उन अधिकारियों को पद मुक्त नहीं किया है और न ही दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की है.

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प्रदर्शन करते छात्र.
प्रदर्शन करते छात्र.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेपीएससी परीक्षा में गलत ढंग से चयन का लगाया आरोप
  • छठी जेपीएससी रद्द करने की मांग

झारखंड के रामगढ़ जिले के सुभाष चौक के समीप छठी जेपीएससी में असफल अभ्यर्थियों ने अपने हाथों में स्लोगन लिखित तख्तियों के साथ हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया.

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उनका कहना है कि छठीं जेपीएससी परीक्षा में गलत ढंग से चयनित 326 अधिकारियों को हाईकोर्ट ने सात जून को अवैध घोषित करते हुए जेपीएससी के दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की आदेश भी दिया था लेकिन हेमंत सरकार ने अभी तक उन अवैध अधिकारियों को पद मुक्त नहीं किया है और न ही दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की है.

इससे झारखंड के युवाओं में सरकार के प्रति निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है. छात्र छठी जेपीएससी की परीक्षा को रद्द करने की मांग भी लगातार करते आ रहे है.  इन छात्रों का कहना है कि  हमारा ये नारा "हेमंत सरकार छठी जेपीएससी रद्द करो, दोषियों को बर्खास्त करो,रोजगार दो" के साथ यह महाआन्दोलन झारखंड में तबतक जारी रहेगी जबतक मांगें पूरी नहीं होंगी. 

प्रदर्शन कर रहे एक छात्र सफी इमाम ने कहा कि जेपीएससी भ्रष्टाचार की जड़ है,यहीं से भ्रष्टाचार पूरे झारखंड में फैल रहा है. इसके लिये झारखंड के युवाओं व बुद्धजीवियों को आगे आने की जरूरत है और जेपीएससी में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की भी जरूरत है. इससे झारखंड भ्रष्टाचार मुक्त बनेगा.

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वहीं, प्रदर्शन कर रहे दूसरे अभ्यार्थी कृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड में खाली पड़े पदों पर जेपीएससी/जेएसएससी के माध्यम से बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलना चाहिए. आज झारखंड बने बीस वर्ष बीत जाने के बाद भी युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा हैं यह बहुत चिंता की बात है.

 

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