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कोरोना काल में देश में स्कूल-कॉलेज लंबे समय तक बंद रहे. देश के दूसरे कुछ हिस्सों की तरह धनबाद में भी स्कूल खुल गए हैं. स्कूलों में मास्क, सैनेटाइजिंग, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ बहुत कुछ बदला बदला नजर आ रहा है. लेकिन कोयलांचल माने जाने वाले धनबाद के एक स्कूल में एक और भी बदलाव देखने को मिल रहा है जिसकी यहां हर कोई तारीफ कर रहा है. क्या है ये बदलाव?
दरअसल, झारखंड का एक पुलिस अफसर अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से निभाने के साथ अपने इलाके के बच्चों का भविष्य सुधारने में भी जुटा है. धनबाद में थानेदार के पद पर तैनात पंकज वर्मा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को गणित जैसा जटिल विषय पढ़ा कर शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. सरकारी स्कूल में पढ़ने आने वाले ये बच्चे कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों से आते हैं. वो निजी तौर पर ट्यूशन लेने में असमर्थ हैं.
पंकज वर्मा ने मोदीडीह बालिका उच्च विद्यालय से गणित पढ़ाने के लिए अनुमति ली. साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल सतीश सिंह से इच्छा जताई कि वे 10वीं क्लास की छात्राओं को निशुल्क गणित पढ़ाना चाहते हैं. जोगता पुलिस स्टेशन के इंचार्ज पंकज वर्मा के प्रस्ताव पर प्रिंसिपल ने सहमति जताई.
पंकज अब नियमित तौर पर खाकी यूनिफार्म में स्कूल में 10वीं कक्षा को गणित पढ़ाते हैं. ये स्कूल धनबाद के बाघमारा में सिजुआ क्षेत्र में स्थित है.
मूल तौर पर कोडरमा के मर्कच्चो से ताल्लुक रखने वाले पकंज का कहना है कि बच्चों को पढ़ाकर उन्हें आत्मिक संतोष मिलता है. उन्होंने कहा, “समाज के जिस वर्ग के बच्चों को अच्छी कोचिंग या ट्यूशन की सुविधाएं हासिल नहीं हैं, अगर उन बच्चों को गणित अच्छी तरह समझने में मैं थोड़ा भी योगदान दे पाता हूं और उनकी शिक्षा के लिए कुछ कर सकता हूं तो ये मेरे दिल को तसल्ली देने वाली बात है.”
पंकज टीचिंग को ही प्रोफेशन के तौर पर अपनाना चाहते थे लेकिन किस्मत में उनका पुलिस अफसर बनना लिखा था. पुलिस की नौकरी में आने से पहले भी पंकज कोचिंग क्लासेज चलाते थे. 2019 बैच के पुलिस अधिकारी पंकज कहते हैं कि नौकरी की व्यस्तता के बावजूद वे बच्चों को पढ़ाने के लिए समय निकाल लेते हैं. उनका कहना है कि वो अपने फुर्सत के वक्त का इसी तरह सदुपयोग करते हैं.
पंकज की इस पहल ने पुलिस और समाज के बीच गैप को भी कम किया है. स्कूल की छात्राएं भी उनसे पढ़कर बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि जिस तरह वे पढ़ाते हैं उससे गणित को समझना बहुत आसान हो जाता है. इसके अलावा पंकज के इस कदम से स्कूली बच्चों में पुलिस को लेकर सकारात्मक छवि बनने में भी मदद मिली है.
(धनबाद से सिथुन मोदक के इनपुट्स के साथ)