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हेमंत सोरेन की तरफ से दायर मानहानि मामले में रांची कोर्ट में सुनवाई, ट्विटर के वकील को होना पड़ेगा पेश

ट्विटर के खिलाफ रांची के सिविल कोर्ट ने आदेश दिये हैं जिससे फेसबुक ही नहीं बल्कि ट्विटर भी मुख्यमंत्री और सांसद की लड़ाई में फंसता हुआ नजर आ रहा है.

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झारखंड़ के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
झारखंड़ के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हेमंत सोरेन का सांसद निशिकांत दुबे पर मानहानि का मुकदमा
  • ट्विटर के अधिवक्ता को कोर्ट में होना पड़ेगा पेश
  • मानहानि मामले में रांची सिविल कोर्ट में चल रही सुनवाई

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे की लड़ाई में ट्विटर बुरा फंसा है. ट्विटर के खिलाफ रांची के सिविल कोर्ट ने आदेश दिये हैं जिससे फेसबुक ही नहीं बल्कि ट्विटर भी मुख्यमंत्री और सांसद की लड़ाई में फंसता हुआ नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से सांसद निशिकांत दुबे सहित अन्य के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में रांची सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई.

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इस दौरान हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील की कि गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे पर ट्विटर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ टिप्पणी करने पर रोक लगाई जाए. कोर्ट की ओर से निशिकांत दुबे के अधिवक्ता से जवाब मांगा गया. निशिकांत दुबे की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने इसके लिए अदालत से दो सप्ताह का समय देने का आग्रह किया, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी 2021 निर्धारित की है.

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इस दौरान सब जज वैशाली श्रीवास्तव की अदालत ने हेमंत सोरेन के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वे ट्विटर के खिलाफ पेपर पब्लिकेशन कराएं ताकि इस मामले में ट्विटर की भी उपस्थिति उनके अधिवक्ता के माध्यम से सुनिश्चित हो सके. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराते हुए सौ-सौ करोड़ रुपये का दावा किया है.

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इस मामले में निशिकांत दुबे और फेसबुक की ओर से अदालत में लिखित जवाब दाखिल कर दिया गया है. लेकिन ट्विटर की ओर से अभी तक अदालत में पक्ष नहीं रखा गया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक याचिका दाखिल कर सांसद निशिकांत को ट्विटर पर उनके खिलाफ किसी प्रकार की टिप्पणी करने से रोकने की मांग की गई है.

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