झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अगर पार्टी ने समर्थन वापस नहीं लिया होता तो झारखंड की हालत और खराब हो जाती.
मुंडा सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे सोरेन ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य में कोई लोकतंत्र नहीं था और पिछले ढाई साल से नौकरशाह इसे चला रहे थे.
मुंडा सरकार से अपनी पार्टी द्वारा समर्थन वापस लेने को सही ठहराते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या पिछले ढाई साल के दौरान कहीं पर विकास हुआ है? यह पूछे जाने पर कि झामुमो ने इतने दिनों तक सरकार का समर्थन क्यों किया तो हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारा उद्देश्य झारखंड को विकास के पथ पर अग्रसर होते हुए देखना था. हेमंत झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के पुत्र हैं.