झारखंड विकास मोर्चा ने सूबे की हेमंत सोरेन सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. पार्टी के प्रतिनिधियों ने बुधवार को राज्यपाल सैयद अहमद से मुलाकात की और यह मांग की. राज्यपाल से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झाविमो के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने किया.
दरअसल, हेमंत सरकार को समर्थन दे रहे चार विधायक हाल ही में दूसरे दलों में शामिल हो गए हैं. झाविमो ने आरोप लगाया है कि बागी विधायकों ने न तो दल-बदल की सूचना दी और न ही पार्टी ने इस बारे में कोई सूचना राज्यपाल को दी. पार्टी का दावा है कि हेमंत सरकार अब अल्पमत में है, इसलिए इसे बर्खास्त कर देना चाहिए.
बाबूलाल मरांडी आज मुख्य चुनाव अधिकारी से भी मिले और कहा कि राज्य में दल-बदल कर विधायकों न सिर्फ संविधान की दसवीं अनुसूची का उलंघन किया है बल्कि ये विधायक आचार संहिता का भी खुलेआम कर उल्लंघन कर रहे हैं. वैसे तृणमूल कांग्रेस ने अबतक न तो सरकार को समर्थन दिया है और न ही समर्थन वापसी की घोषणा की है. लेकिन, बाबूलाल मरांडी का कहना है कि हेमंत सरकार अब अल्पमत में है.
82 सीटों वाली विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन सरकार के पास 43 विधायकों का आंकड़ा था. बीते दिनों इनमे से तीन विधायक टीएमसी में और एक बीजेपी में शामिल हो गए. ऐसे में सरकार के पास अब सिर्फ 39 विधायक रह गए हैं जबकि सरकार में बने रहने के लिए 42 विधायकों का समर्थन जरूरी है. गौरतलब है कि ददई दुबे कांग्रेस छोड़कर टीएमसी के टिकट पर धनबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि निर्दलीय विधायक बंधु तिर्की, चमरा लिंडा तृणमूल की सदस्यता लेकर रांची और लोहरदग्गा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं वहीं झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू बीजेपी के टिकट से राजमहल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गए हैं.