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कल्पना सोरेन ने संभाली JMM की न्याय उलगुलान रैली की कमान, BJP ने बताया, 'भ्रष्टाचारियों का जुटान'

उलगुलान न्याय महारैली के लिए कल्पना सोरेन ने अपने एक्स हैंडल के जरिए एजेंडा की घोषणा कर दी है. कल्पना सोरेन द्वारा न्याय उलगुलान महारैली के एजेंडा की घोषणा के बाद बीजेपी ने भी जेएमएम की इस रैली के खिलाफ हमला बोला है.

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कल्पना सोरेन
कल्पना सोरेन

जेएमएम द्वारा आयोजित न्याय उलगुलान रैली की कमान खुद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने संभाली है. रैली को INDI गठबंधन की मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर 21 अप्रैल को आयोजित किया जा रहा है. रांची के प्रभात तारा मैदान में झामुमो की न्याय उलगुलान महारैली होगी. इसे लेकर पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. महारैली को सफल बनाने में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन खुद जुटी हुई हैं. उन्होंने INDI गठबंधन की तमाम पार्टियों को महारैली में शामिल होने का न्योता भेजा है.

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जेएमएम ने अन्य नेताओं को भेजा न्योता

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत राहुल गांधी और सोनिया गांधी को शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है तो वहीं सुनीता केजरीवाल, उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी को भी निमंत्रण भेजा जा चुका है. चूंकि खुद कल्पना सोरेन और सीएम चंपई सोरेन ने मार्च 20 को मुंबई में और मार्च 30 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में हिस्सा लिया था तो जेएमएम को उम्मीद है कि उनके बुलावे पर तमाम दलों के नेता जुटेंगे और यहीं से झारखंड की 14 सीटों के लिए चुनावी अभियान का शानदार आगाज करेंगे. राज्य में 13 मई यानी चौथे चरण से चुनाव शुरू होगा. यहां 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी.

बीजेपी ने बताया 'भ्रष्टाचारियों का जुटान'

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उलगुलान न्याय महारैली के लिए कल्पना सोरेन ने अपने एक्स हैंडल के जरिए एजेंडा की घोषणा कर दी है. कल्पना सोरेन द्वारा न्याय उलगुलान महारैली के एजेंडा की घोषणा के बाद बीजेपी ने भी जेएमएम की इस रैली के खिलाफ हमला बोला है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि INDI एलायंस की रैली उलगुलान नहीं भ्रष्टाचारियों का जुटान है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 21 अप्रैल को एक ही मंच पर भ्रष्टाचारी, सनातन विरोधी, टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग और परिवारवादी राजकुमार दिखेंगे. 

प्रतुल ने कहा कि रैली का नाम उलगुलान रखना भगवान बिरसा मुंडा सहित झारखंड के अमर शहीदों का अपमान है. उन्होंने उलगुलान का आह्वान अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ किया था. उलगुलान शब्द आदिवासी अस्मिता से और आदिवासी सम्मान से जुड़ा है. ऐसे भ्रष्टाचारी जुटान का नाम उलगुलान देकर इन्होंने पूरे देश के आदिवासियों का अपमान किया है.

'खामोश क्यों है झारखंड मुक्ति मोर्चा?'

प्रतुल ने कहा कि सोरेन परिवार के घर की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भी अपने साथ परिवार के भीतर हुए अन्याय के खिलाफ उलगुलान का ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि किस तरीके से उनको अपनी बेटियों की परवरिश करने के लिए परिवार के भीतर अकेला छोड़ दिया. विषम परिस्थितियों में उन्होंने बच्चियों को पाला पोसा था. परिवार में उन्हें तिरस्कृत किया गया. सीता सोरेन ने अपने आंदोलनकारी पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन के रहस्यमय मौत को साजिश बताते हुए जांच की मांग की लेकिन सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. इस उलगुलान के मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा खामोश क्यों?

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'ईवीएम से उलगुलान करेगी जनता'

प्रतुल ने कहा कि विपक्षी गठबंधन झारखंड में पूरे तरह से खंडित दिख रहा है. चतरा, पलामू में फ्रेंडली फाइट की बात हो रही है. अब चुनाव में फ्रेंडली फाइट क्या होती है? लोहरदगा, राजमहल और कोडरमा में भी इनके बागी उम्मीदवार भी ताल ठोक रहे हैं. प्रतुल ने कहा कि 21 अप्रैल को कांग्रेस के बड़े नेता भी मंच पर आएंगे जिनके सांसद डीके शिवाकुमार दक्षिण भारत को अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे. आगामी चुनाव में जनता इन देश विरोधी, सनातन विरोधियों के खिलाफ ईवीएम से उलगुलान करेगी.

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