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झारखंड में होगी कल्पना सोरेन की ताजपोशी या फिर सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन? विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज

झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जेल से जमानत पर रिहाई के बाद से राज्य की राजनीति में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना तेज हो गई हैं. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में कल्पना सोरेन की ताजपोशी हो सकती है. साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जाने से पहले कल्पना सत्ता की कमान संभाल सकती है.

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कल्पना और हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)
कल्पना और हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)

झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जेल से जमानत पर रिहाई के बाद से राज्य की राजनीति में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना तेज हो गई हैं. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में कल्पना सोरेन की ताजपोशी हो सकती है. साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जाने से पहले कल्पना सत्ता की कमान संभाल सकती है.

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सूत्रों की मानों तो आने वाले दिनों में झारखंड की सत्ता पर नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. अब चंपई सोरेन की जगह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कल्पना सोरेन की ताजपोशी हो सकती है. उसके बाद विधानसभा चुनावों की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में होगी. माना जा रहा है कि कल्पना सोरेन पर ईडी या अन्य किसी जांच एजेंसी का कोई मामला नहीं है तो उनके सीएम बनने की प्रबल संभावनाएं हैं.

जेल से जमानत पर रिहाई के बाद से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के तेवर काफी तल्ख दिख रहे हैं, जिससे झारखंड में परिवर्तन की संभावनाएं बढ़ गई हैं. माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन फिर से सत्ता की बागडोर संभाल सकते हैं. सत्तारूढ़ दल के विधायक भी  इस बात की संभावनाओं को प्रबल मान रहे हैं. जनता के बीच सोरेन की लोकप्रियता और उनके पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों को देखते हुए, उनके पुन: सत्ता में वापसी के आसार साफ नजर आ रहे हैं. ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनावों में जाने से पहले हेमंत सोरेन पार्टी के साथ-साथ सरकार का कमान भी अपने हाथों में ले लेना चाहते हैं.

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सीएम चंपई ने स्थगित की कार्यक्रम

बीते दिनों वर्तमान सीएम चंपई सोरेन ने अपने कई कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया. सीएम को दुमका जाना था, लेकिन वो नहीं गए. बुधवार को 15 सौ पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र का वितरण करना था. जिसे अभी अब स्थगित कर दिया गया है.

JMM के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि दो अहम बैठक का आयोजन तो किया गया है, लेकिन हेमंत सोरेन जेल से निकलकर आए हैं और सबसे राय विचार करना चाहते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव बीजेपी और एनडीए के खिलाफ कैसे लड़ा जाए. वहीं, विपक्षी दल भी इस बदलती परिस्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है और आने वाली राजनीतिक चुनौतियों के लिए तैयार हो रहे हैं.

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