झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रदेश में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू करने की घोषणा की है. विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, राज्य में अब जब भी किसी भी भूमि का अधिग्रहण होगा तो वह भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत ही किया जाएगा. इसके अलावा दूसरे किसी भी कानून के तहत भूमि अधिग्रहण नहीं होगा.
दरअसल, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद द्वारा लगातार भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू करने की मांग की जा रही थी. पिछले दिनों अंबा प्रसाद ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मामले को उठाते हुए कहा था कि खनन कंपनियों द्वारा झारखंड राज्य में अधिग्रहण में कानून और नियमों को ताक पर रख कर मनमानी की जा रही है. अंबा प्रसाद के 2013 के उपरांत खनन शुरू करने वाली कंपनियों द्वारा मुआवजा भुगतान हेतु भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू की मांग की थी.
अंबा प्रसाद की मांग पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि मामला कोयला खनन से संबंधित है और वर्तमान में CBA Act, LA Act 1894 के तहत भूमि अधिग्रहण किया जाता है. इस दौरान सोरेन ने प्रसाद को आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस पर नीतिगत फैसला लिया जाएगा.
बुधवार को सदन को संबोधित करते हुए सीएम सोरेन ने कहा कि विधायक अंबा प्रसाद जिनका क्षेत्र में कोलियरी की मात्रा बहुत अधिक है और वहां लगातार मुआवजा से संबंधित समस्याएं होती रहती है इसलिए अब अधिग्रहण की जाने वाली भूमि में यूपीए सरकार द्वारा बनाई गई भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू की जाएगी.
20 हजार पदों पर निकलेगी वैकेंसी
हेमंत सोरेन ने नियुक्ति को लेकर सरकार द्वारा निकाले गए विज्ञापन प्रक्रिया पर भी सदन में जानकारी दी. उन्होंने कहा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को 7552 पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना भेजी गई है. वहीं, 2898 पदों के लिए आयोग द्वारा विज्ञापन निकाला गया है. सीएम ने विश्वास दिलाया, महीने भर के अंदर हमारी सरकार विभिन्न विभागों में 20,000 पदों पर नियुक्ति विज्ञापन निकालने जा रहा है.