मंत्री बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है? झारखंड के नए कृषि मंत्री योगेंद्र साहू से जानिए.
कांग्रेस के विधायक योगेंद्र साहू इसलिए मंत्री बने क्योंकि उन्होंने इसकी पैरवी अहमद पटेल से लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक की. चौंकिए मत. ये हम नहीं कह रहे हैं. खुद मंत्री जी ने ऐसा कहा है. उन्होंने ये बातें पार्टी कार्यकर्ताओं को रांची में संबोधित करने के दौरान कहीं, जो कैमरे पर कैद हो गईं.
अपने मंत्री पद के बारे में योगेंद्र साहू ने कहा, 'हम 15 दिन अभी दिल्ली में रहे हैं. मेरा कभी नाम आ रहा था मंत्री पद के लिए. परंतु दिल्ली में हमको इतनी पैरवी करनी पड़ी. समझिए कि अहमद पटेल से लेकर सोनिया गांधी...राहुल गांधी तक. मैंने क्या किया, विस्तार से नहीं बता सकता हूं. लेकिन हम ही जानते हैं क्या-क्या किया.'
उन्होंने देश की राजनीति पर अपना दर्शन शास्त्र भी दिया. उन्होंने कहा कि राजनीति में जूता सिलने से लेकर चंडीपाठ तक करना पड़ता है.
योगेंद्र साहू की मंत्री पद की भूख यही खत्म नहीं हुई. अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'हम एक किसान का बेटा हैं, हमको लगता है इसलिए हमको कृषि मंत्री दे दिया गया. लेकिन हम उससे संतुष्ट नहीं है. हमको दो-चार और मंत्रालय पर कब्जा करना है. इसके लिए भी हमको प्रयास करने हैं. हम उनमें से नहीं हैं जो बैठे रहकर भीख मांगेंगे. हम लूटना जानते हैं. छीनना जानते हैं. वैसा करना होगा.'
गौर करने वाली बात है कि साहू पर इससे पहले अपने बयान के कारण विवादों फंसे चुके हैं. वे 2010 में राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए घूस लेने की बात कहते कैमरे पर पकड़े गए थे.