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लोहरदगा हिंसा: पुलिस एक्शन पर उबाल, कलेक्ट्रेट को घेरने पहुंचीं सैकड़ों महिलाएं

झारखंड के लोहरदगा में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया था. अब पुलिस के एक्शन के खिलाफ सैकड़ों महिलाएं सड़क पर उतर आईं.

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लोहरदगा हिंसा में पुलिस एक्शन का विरोध करतीं महिलाएं
लोहरदगा हिंसा में पुलिस एक्शन का विरोध करतीं महिलाएं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लोहरदगा में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा पर उबाल
  • पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें अरेस्ट किया था
  • पुलिस के इस एक्शन के खिलाफ महिलाओं का फूट पड़ा गुस्सा

झारखंड के लोहरदगा में 10 अप्रैल को रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा पर उबाल जारी है. स्थानीय पुलिस ने इस मामले में कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था. अब हिंसा प्रभावित गांव की महिलाओं ने लोहरदगा समाहरणालय का घेराव किया.

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सैकड़ों की संख्या में महिलाएं उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और अन्य आला अधिकारियों का घेराव करने पहुंचीं. बैरिकेडिंग लगाकर इन्हें रोकने की कोशिश पुलिस ने की, मगर महिलाएं नहीं मानी और बैरिकेडिंग हटाकर अंदर घुस गईं. उनमें काफी गुस्सा दिख रहा था. कड़ी मशक्कत के बाद डीडीसी गरिमा सिंह की टीम ने इन महिलाओं को परिसर में रोका.

महिलाओं का कहना था कि 10 अप्रैल को कुजरा-हिरही गांव में रामनवमी शोभायात्रा निकाली गई. वहां मेला भी तीन साल बाद लगा था. काफी उत्साह से महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल हुए थे. मगर सुनियोजित तरीके से एक खास समुदाय के लोगों ने शोभायात्रा पर हमला किया और आगजनी की. अब पुलिस निर्दोष लोगों को परेशान कर रही है. हमलोग तो मारपीट करने और पत्थरबाजी करने नहीं गए थे. अब आधी रात को पुलिस आती है, दरवाजा धक्का देती है, तोड़ती है और घर के पुरुष सदस्यों को ढूंढती है, पकड़ कर ले जाती है. पुलिस और प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रही है. तमाम लोग डरे हुए हैं.

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बच्चों को गोद में लिए कड़ी धूप में पहुंचीं महिलाएं
सैकड़ों की संख्या में महिलाओं के जिला मुख्यालय पहुंचने के कारण वहां अचानक से अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई. कई महिलाएं कड़ी धूप में अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंची थी. उनका कहना था कि घर में कोई भी पुरुष सदस्य नहीं है. पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के डर से ये लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं, इसलिए वे भी खुद को असुरक्षित महसूस करते हुए जिले के अधिकारियों के समक्ष पहुंची हैं.

मौके पर मौजूद लोहरदगा डीडीसी गरिमा सिंह ने महिलाओं को समझाया और शिकायतों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर वापस भेजा. डीडीसी ने कहा कि गांव में हिंसा की घटना हुई है, तो प्रशासन की ओर से कार्रवाई जरूरी है. मगर यहां इतनी सारी महिलाएं शिकायत लेकर जमा हुई है तो इनकी शिकायत नोट की गई.

अब तक 8 गिरफ्तार, 20 पर एफआईआर
बता दें कि 10 अप्रैल की हिंसा के बाद पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया. आरोपियों की संख्या रोज बढ़ रही है और पुलिस उनकी धरपकड़ के लिए लगातार अभियान चला रही है. लोहरदगा में हिंसा के बाद धारा 144 लागू है. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि दर्जन भर से अधिक जख्मी हुए. हिंसाग्रस्त गांवों के अलावा जिले में कई जगह तनाव की स्थिति बनी हुई है. रैपिड एक्शन फोर्स और अन्य सुरक्षाबलों की टुकड़ी तैनात है.

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