झारखंड की गिरिडीह लोकसभा सीट में गिरडीह, बोकारो और धनबाद जिले के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया है. यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ियों और जंगलों घिरा से है. मुगल सम्राटों का इस क्षेत्र पर शासन रहा.
यह क्षेत्र अबरख और कोयला जैसे खनिज उत्पादन के लिए भी जाना जाता है. इस सीट से बीजेपी के रविंद्र कुमार पांडेय पाचंवी बार सांसद बने हैं. इस सीट पर छठवें चरण में मतदान है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
इस सीट से 1962 में स्वतंत्र पार्टी से बटेश्वर सिंह जीते थे. 1967 में सीट पर कांग्रेस के इम्तियाज अहमद का कब्जा हो गया. 1971 में कांग्रेस के ही टिकट पर चपलेंदू भट्टाचार्य जीते. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर रामदास सिंह जीते. 1980 में कांग्रेस के टिकट पर बिंदेश्वरी दूबे और 1984 में कांग्रेस के ही टिकट पर सरफराज अहमद जीतने में कामयाब हुए.
1989 में इस सीट पर बीजेपी का खाता खुला और उसके टिकट पर रामदास सिंह जीतने में कामयाब हुए. 1991 में यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास चली गई और उसके टिकट पर बिनोद बिहारी महतो जीते. इसके बाद बीजेपी के रविंद्र कुमार पांडेय लगातार तीन बार 1996, 1998 और 1999 का चुनाव जीते. 2004 में कांग्रेस के टेकलाल महतो जीतने में कामयाब हुए. इसके बाद फिर बीजेपी के रविंद्र कुमार पांडेय लगातार दो चुनाव 2009 और 2014 का चुनाव जीते.
सामाजित तानाबाना
इस लोकसभा सीट के अन्तर्गत छह विधानसभा सीटें (गिरिडीह, डुमरी, गोमई, बेरमो, तुंडी, बाघमारा) आते हैं. 2014 के आम चुनाव के दौरान इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 15.15 लाख थी. इसमें 8.11 लाख पुरुष और 7.03 लाख महिला मतदाता शामिल हैं.
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में बीजेपी के रविन्द्र कुमार पांडेय ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के जगरनाथ महतो को हराया था. रविन्द्र कुमार पांडेय को 3.91 लाख और जगरनाथ महतो को 3.51 लाख वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, सांसद रविंद्र कुमार पांडेय के पास 7.33 करोड़ की संपत्ति है. इसमें 3.73 करोड़ की चल संपत्ति और 3.59 करोड़ की अचल संपत्ति शामिल है. उनके ऊपर 19 लाख की देनदारी है. जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, रविंद्र कुमार पांडेय ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 18.24 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 22.85 करोड़ मिले हैं. इनमें से 4.61 करोड़ रुपए अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने 81 फीसदी अपने निधि को खर्च किया है.