झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक राजमहल लोकसभा सीट साहिबगंज और पाकुड़ जिले में फैला हुआ है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यह क्षेत्र राजमहल की पहाड़ियों और गंगा नदी से घिरा हुआ है. इस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय कुमार हंसदक सांसद हैं.
मध्य काल में इस क्षेत्र को उगमहल के नाम से जाना जाता था. इस क्षेत्र में अकबर मस्जिद और बंगाल के नवाब मीर क़ासिम का महल है. इस सीट पर बांग्लादेशी घुसपैठ सबसे अहम मुद्दा है. बताया जाता है कि राजमहल लोकसभा क्षेत्र के तहत आनेवाले साहिबगंज जिले के बड़हरवा और राधानगर थाना क्षेत्र में करीब लाखों बांग्लादेशियों ने शरण ले रखी है. इस सीट पर सातवें चरण में मतदान होगा.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
1957 में इस सीट सीट से कांग्रेस के टिकट पर पाइका मुर्मू जीते थे. इसके बाद कांग्रेस के ही टिकट पर 1962, 1967 और 1971 का चुनाव इश्वर मरांडी जीतने में कामयाब हुए. 1977 में इस सीट से जनता पार्टी के एंटन मुर्मू जीते. 1980 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और उसके टिकट पर 1980 व 1984 का चुनाव सेठ हेमभ्रम जीतने में कामयाब हुए.
1989 में पहली बार इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का खाता कुला और उसके टिकट पर 1989 और 1991 का चुनाव सिमोन मरांडी जीते. 1996 में कांग्रेस के थॉमस हंसदा जीते. 1998 में पहली बार इस सीट पर कमल खिला और यहां से उसके टिकट पर सोम में मरांडी जीते. 1999 में कांग्रेस के थॉमस हंसदा जीते. 2004 के चुनाव झामुमो की हेमलाल मुर्मू जीते. 2009 का चुनाव बीजेपी के देविधान बेसरा जीतने में कामयाब हुए. 2014 का चुनाव झामुमो के विजय कुमार हंसदक जीते.
सामाजित तानाबाना
इस लोकसभा सीट के अन्तर्गत छह विधानसभा सीटें (राजमहल, बोरियो, बरहेत, लिटिपारा, पाखुड़, महेशपुर) आते हैं. इसमें बोरियो, बरहेत, लिटिपारा और महेशपुर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. 2014 के आम चुनाव के दौरान इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 13.53 लाख थी. इसमें 6.91 लाख पुरुष और 6.61 लाख महिला मतदाता शामिल हैं.
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में बीजेपी के विजय कुमार हंसदक ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमलाल मुर्मू को हराया था. विजय कुमार हंसदक को 3.79 लाख और हेमलाल मुर्मू को 3.38 लाख वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, सांसद विजय कुमार हंसदक के पास 68 लाख की संपत्ति है. इसमें 16 लाख की चल संपत्ति और 51 लाख की अचल संपत्ति शामिल है. उनके ऊपर एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है. जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, राम टहल चौधरी ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 18.17 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 18.72 करोड़ मिले हैं. इनमें से 0.55 करोड़ रुपए अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने 103 फीसदी अपने निधि को खर्च किया है.