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मधु कोड़ा को अस्थाई जमानत मिली, होंगे रिहा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को अदालत ने मंगलवार को अस्थाई जमानत दे दी है. लगभग चालीस माह जेल में रहने के बाद वह बुधवार को रिहा होंगे.

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को अदालत ने मंगलवार को अस्थाई जमानत दे दी है. लगभग चालीस माह जेल में रहने के बाद वह बुधवार को रिहा होंगे.

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झारखंड उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में आरोपी मधु कोड़ा को अपनी बीमार मां की तीमारदारी के लिये तीन सप्ताह की अस्थाई जमानत दी है. उम्मीद है कि मधु कोड़ा कल बिरसा मुंडा जेल से रिहा हो जायेंगे.

न्यायमूर्ति एचसी मिश्रा ने मधु कोड़ा को एक-एक लाख रुपये की दो मुचलके पर तीन सप्ताह की अस्थाई जमानत दे दी. मधु कोड़ा को उनके मुख्यमंत्रित्व काल में झारखंड में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के क्रियान्वयन में चार सौ करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने के आरोप में अब तक जमानत नहीं मिल सकी है. वहीं, हवाला, आय से अधिक संपत्ति समेत भ्रष्टाचार के अन्य सभी मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है.

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के क्रियान्वयन में घोटाले से जुड़े इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. मधु कोड़ा भ्रष्टाचार के चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के विभिन्न मामलों में तीस नवंबर, 2009 से ही रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. लगभग चालीस माह बाद अब वह पहली बार अस्थाई जमानत पर रिहा होंगे.

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न्यायालय में कोड़ा के अधिवक्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की मां की हालत बहुत खराब है और वह इस समय रांची स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें देखरेख और बेहतर इलाज की आवश्यकता है. न्यायालय ने इस आधार पर कोड़ा को अपनी मां के बेहतर इलाज और देखरेख के लिए तीन सप्ताह की अस्थाई जमानत दे दी. लेकिन उनके विदेश जाने पर रोक लगाते हुए पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करने का उन्हें निर्देश दिया.

कोड़ा की जमानत पर कई शर्तें भी लगायीं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह अस्थाई जमानत के दौरान अपने निवास स्थान के बारे में सीबीआई को जानकारी देते रहेंगे. न्यायालय ने उन्हें तीन सप्ताह बाद अदालत में वापस आत्मसमर्पण कर देने के निर्देश दिये.

कोड़ा 2006 से 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे और वह अर्जुन मुंडा की सरकार से विद्रोह कर के मुख्यमंत्री बने थे. उनकी सरकार को संप्रग दलों ने समर्थन दिया था जिनमें कांग्रेस, लालू की राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी शामिल थे.

मधु कोड़ा पर अवैध रूप से कमाई गयी राशि में से हवाला के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये खाड़ी के देशों और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में निवेश करने, राज्य की खनिज संपदा का अनाप शनाप ढंग से अवैध लीज देने, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में हैदराबाद की कंपनी को गलत ढंग से ठेका देने एवं अनेक अन्य सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने और अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले दर्ज हुए. इनकी जांच सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और झारखंड निगरानी ब्यूरो कर रहा हैं.

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