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झारखंड: कलेक्ट्रेट में मंत्री कर रहे थे बैठक और बाहर छात्राओं पर चल रही थी लाठी

छात्राओं का कहना था कि जब तक मंत्री जी उनकी मांगें खुद आकर नहीं सुन लेते तब तक वह वहां से नहीं जाएंगी. साथ ही छात्राएं खुद को परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित करने की भी मांग कर रही थीं.

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बारहवीं के परिणाम से असंतुष्ट छात्राओं का विरोध प्रदर्शन
बारहवीं के परिणाम से असंतुष्ट छात्राओं का विरोध प्रदर्शन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बारहवीं के परिणाम से असंतुष्ट छात्राओं का विरोध प्रदर्शन
  • छात्रों पर हुआ लाठीचार्ज

बारहवीं के परिणाम से असंतुष्ट छात्राओं के विरोध प्रदर्शन ने आज पांचवें दिन उग्र रूप धारण कर लिया. शुक्रवार को धनबाद कलेक्ट्रेट के कॉन्फ्रेंस रूम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की बीस सूत्री बैठक के दौरान ही दर्जनों की संख्या में छात्राएं कलेक्ट्रेट परिसर में घुस आईं और अनियमितताओं का आरोप लगा जमकर हंगामा करने लगीं. देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रशासनिक अधिकारियों को पुलिस बल बुलवाकर छात्राओं को शांत करने के लिए लाठी चार्ज तक करवाना पड़ गया.

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12वीं के परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्राओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यालय के अंदर दाखिल हो गईं. देखते ही देखते आक्रोशित छात्राओं की भीड़ उस कॉन्फ्रेंस हॉल के मुख्य दरवाजे तक पहुंच गईं, जहां झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अधिकारियों संग बीस सूत्री की मीटिंग कर रहे थे.

हंगामे के साथ उपायुक्त कार्यालय में दाखिल हुई छात्राएं इतनी आक्रोशित थी कि वो किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों से एक भी बात करने को तैयार नहीं थी, जबकि मौके पर मौजूद अधिकारी छात्राओं को बार-बार वार्ता के लिए अनुरोध कर रहे थे, लेकिन छात्राएं अधिकारियों की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थीं.

छात्राओं का कहना था कि जब तक मंत्री जी उनकी मांगें खुद आकर नहीं सुन लेते तब तक वह वहां से नहीं जाएंगी. साथ ही छात्राएं खुद को परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित करने की भी मांग कर रही थीं. देखते ही देखते आक्रोशित छात्राएं वहां मौजूद अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों से धक्का-मुक्की करने लगीं. सभागार के पास रखे फर्नीचर को भी तोड़ने का प्रयास करने लगीं.

इतना ही नहीं कुछ लड़कियां कॉन्फ्रेंस हॉल का मुख्य दरवाजा तोड़ने का प्रयास करने लगीं. तब मौके पर मौजूद एसडीएम सुरेंद्र कुमार ने सुरक्षा कर्मियों की मदद से उन्हें वहां से हटाना चाहा, लेकिन छात्राएं कॉन्फ्रेंस हॉल के मुख्य दरवाजे के पास ही फर्श पर बैठ गईं और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं.

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जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें वहां से हटाने के लिए लाठी चार्ज कर दिया. जिससे मौके पर अफरा तफरी मच गई. सुरक्षा कर्मियों ने छात्राओं और उनके साथ आए कुछ पुरुष अभिभावकों पर भी बल प्रयोग किया. इस दौरान कई छात्राओं के घायल होने की भी खबर है. मौके पर कई छात्राएं बेहोश होकर गिरती भी नजर आईं. 

 

ऐसे में अब इस मुद्दे पे राजनीति भी शुरू हो गयी है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने लड़कियों पे SDO द्वारा लाठी चार्ज को बर्बर और तानाशाही कार्रवाई बताया है. लड़कियों के प्रदर्शन को कुचलने के लिए इस तरह के कार्रवाई से शाहदेव का मानना है कि सरकार की मानसिकता झलकती है.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने भी लाठी चार्ज को गलत माना है. उनका आरोप है कि JAC के अध्यक्ष अरविंद सिंह RSS बैकग्राउंड के हैं इसलिए उन्हें छात्रों के मुद्दे को निपटाना नहीं आता. अगर बड़े पैमाने पे विद्यार्थी का रिजल्ट खराब हुआ है तो इसके लिए JAC को तुरंत छात्रों से बात कर इसका समाधान निकालने की कोशिश करना चाहिए. आंदोलन की आखिर क्यों ज़रूरत पड़ रही है. जब बगैर इम्तेहान के ही मैट्रिक और इंटर में विद्यार्थियों को पास करना था तो 40 हज़ार विद्यार्थी फेल कैसे हुए.

(सिथुन मोदक के इनपुट के साथ) 

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