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RIMS: बच्चे के शव के पास शुरू कर दिया दूसरे मरीज का इलाज, 4 घंटे तक बेड पर पड़ी रही डेड बॉडी

RIMS Ranchi में डॉक्टरों की घोर लापरवाही सामने आई है. बच्चे की मौत होने के बाद उसका शव पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में चार घंटे तक बेड पर रखा रहा. इतनी ही नहीं, शव के पास ही दूसरे बच्चे का इलाज शुरू कर दिया गया. लेकिन शव को वहां से हटाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई

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बेड पर रखा आदित्य का शव और पास ही बैठी महिला.
बेड पर रखा आदित्य का शव और पास ही बैठी महिला.

Jharkhand News: रांची स्थित रिम्स (RIMS) के पीडियाट्रिक विभाग में डॉक्टरों की घोर लापरवाही देखने को मिली. अस्पताल में भर्ती नाबालिग बच्चे की मौत हो गई थी. लेकिन बच्चे का शव बेड पर चार घंटे तक पड़ा रहा. न तो डॉक्टर और न ही किसी स्टाफ का उस ओर ध्यान गया.

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शव जिस बेड पर था, उसी पर दूसरे बच्चे को लेटाकर इलाज शुरू कर दिया गया. शव के संबंध में खबर फैली तो अपनी गलती छिपाने के लिए आनन-फानन में डेड बॉडी परिजनों को सौंपकर उन्हें जाने का कह दिया. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

दरअसल, गया (बिहार) के रहने वाले 12 साल के आदित्य को किडनी की समस्या के चलते रिम्स में भर्ती कराया गया था. आदित्य के चाचा रिंटू पटेल ने कहा कि हम उसे शनिवार सुबह 4 बजे लेकर आए थे. यहां लाने के बाद डॉक्टरों ने उसका डायलिसिस कराने की बात कही. साथ ही कहने लगे कि रिम्स में डायलिसिस होने में वक्त लगेगा, इसलिए प्राइवेट अस्पताल में जाकर उसका डायलिसिस करा लाओ. 

चाचा रिंटू ने आगे कहा कि, डॉक्टर के कहने पर हम आदित्य को स्ट्रेचर पर लेटाकर लिफ्ट से ग्राउण्ड फ्लोर पर लेकर आए थे. ग्राउण्ड फ्लोर पर आकर पीडियाट्रिक वार्ड में उसकी कुछ जांच होनी थी. यहां आकर हमने आदित्य को बेड पर लिटा दिया.

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फिर हमें डॉक्टरों ने बताया कि आदित्य की मौत हो गई है. और उसके शव को बेड पर रख दिया. इसके बाद हम लोग कागजी कार्रवाई में लग गए. 

आदित्य के शव के पास ही दूसरे बच्चे का इलाज

पीडियाट्रिक विभाग में बेड की कमी होने के कारण डेंगू पीड़ित साढ़े चार साल के बच्चे को भी उसी बेड पर लेटाकर उसका भी इलाज शुरू कर दिया. लेकिन बच्चे की मां को नहीं पता था कि वह शव के पास बैठी है. करीब चार घंटे बाद आदित्य की मौत की बात सभी को पचा चली. इसके बाद विभाग में हंगामा मच गया. हंगामा मचते ही आदित्य का शव परिवार वालों को थमाकर उन्हें जाने का कह दिया. अपनी गलती छिपाने में डूबे अस्पताल प्रबंधन ने शव ले जाने के लिए परिवार को एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई. बस उन्हें अस्पताल से जाने का बोल दिया गया.

मरीज ने लिफ्ट के बाहर तोड़ा दम : PRO

आदित्य के शव को सही जगह नहीं रखने के संबंध में जब रिम्स पीआरओ से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मरीज की मौत लिफ्ट से बाहर निकलने के बाद हुई थी. अंदर उसकी जान नहीं गई. फिर भी हम मामले की जांच करा रहे हैं. 

आदित्य की लिफ्ट में गई जान

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वही, आदित्य की मौत पर चाचा चिंटू ने कहा कि हम तो उसका डायलिसिस कराने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर जा रहे थे. लिफ्ट से नीचे आने के दौरान तेज झटका लगा था. शायद तभी उसकी मौत हो गई थी. लेकिन हमें पता ही नहीं चला. करीब चार घंटे बाद उसके निधन की जानकारी मिली.

 

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