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मोदी गुरुवार को झारखंड में, गंगा पर मल्टी-मोडल टर्मिनल की रखेंगे आधारशिला

मल्टी-मोडल टर्मिनल वाराणसी से हल्दिया तक, 1390 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू)-1 के विकास का एक महत्वपूर्ण घटक है. विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ एनडब्ल्यू-1 को भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जल मार्ग विकास परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है.

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पीएम नरेन्द्र मोदी
पीएम नरेन्द्र मोदी

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मल्टी-मोडल टर्मिनल वाराणसी से हल्दिया तक, 1390 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू)-1 के विकास का एक महत्वपूर्ण घटक है. विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ एनडब्ल्यू-1 को भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जल मार्ग विकास परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है. इसकी अनुमानित लागत 5369 करोड़ रुपये है. यह परियोजना 1500-2000 डीडब्ल्यूटी की क्षमता वाले जहाजों के व्यावसायिक नौवहन को सक्षम बनाएगी.

साहिबगंज टर्मिनल एनडब्ल्यू-1 पर निर्मित हो रहे तीन बहु-मोडल टर्मिनलों में दूसरा टर्मिनल है. इससे पहले मई 2016 में, आईआरडब्ल्यूएआई को वाराणसी में एक बहु-मोडल टर्मिनल का निर्माण करने के लिए अनुबंध दिया गया था. तीसरे टर्मिनल का निर्माण पश्चिम बंगाल के हल्दिया में होगा. जल्द ही हल्दिया में काम शुरू होने की उम्मीद है. एनडब्ल्यू -1 पर बड़ी संख्या में कार्गो की आवाजाही और आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए टर्मिनलों का निर्माण आवश्यक है.

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साहिबगंज में निर्मित होने वाले टर्मिनल का निर्माण कार्य 2019 में पूरा होगा, जिसके बाद इसकी कार्गो हैंडलिंग क्षमता 2.24 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) प्रति वर्ष होगी. टर्मिनल के निर्माण का अनुबंध मैसर्स एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 280 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर सौंपा गया है. इस टर्मिनल में दो जहाजों के लिए बर्थिंग स्पेस, भंडार, हॉपर के साथ कन्वेयर बेल्ट प्रणाली, बैज लोडर्स, सड़कें, रैंप, पार्किंग क्षेत्र और टर्मिनल भवन शामिल होंगे.

साहिबगंज पर एक रोल-ऑन रोल-ऑफ (आरओ-आरओ) टर्मिनल, बिहार स्थित मनिहारी के साथ भी महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करेगा. साहिबगंज में करीब 100 ट्रकों ने पहले ही सुविधा का उपयोग शुरू कर दिया है. आरओ-आरओ सुविधा के माध्यम से गुजरने वाले ट्रकों के सड़क परिवहन में काफी समय, लागत और ईंधन की बचत होगी.

साहिबगंज में मल्टी-मोडल टर्मिनल का निर्माण और एनडब्ल्यू -1 के समग्र विकास होने से झारखंड में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. यह झारखंड के अंतिम छोर तक संपर्क स्थापित करेगा. झारखंड खनिज संसाधनों से संपन्न राज्य माना जाता है. साहिबगंज में मल्टी-मोडल टर्मिनल, एनएम -1 के साथ स्थित विभिन्न तापीय बिजली संयंत्रों के लिए राजमहल इलाके में स्थित स्थानीय खानों से कोयले के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. कोयले के अलावा टर्मिनल के माध्यम से पत्थर, उर्वरक, सीमेंट और चीनी की ढुलाई भी होगी.

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मल्टी-मोडल टर्मिनल और आरओ-आरओ टर्मिनल के निर्माण से लगभग 600 लोगों के प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 3000 लोगों के अप्रत्यक्ष रोजगार देने में मदद मिलेगी.

राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (एनडब्ल्यू -1) उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरने वाला एक राष्ट्रीय महत्व का जलमार्ग है. इससे गंगा बेसिन में स्थित हल्दिया, हावड़ा, कोलकाता, भागलपुर, पटना, गाजीपुर, वाराणसी, इलाहाबाद और इनके औद्योगिक क्षेत्रों के प्रमुख शहरों को लाभ मिलेगा. इस क्षेत्र में रेल और सड़क मार्ग काफी व्यस्त है. इसलिए, एनडब्ल्यू -1 का विकास परिवहन के एक वैकल्पिक, व्यवहारिक, आर्थिक, कुशल और पर्यावरण-अनुकूल तरीके प्रदान करेगा. नए व्यापार और रोजगार के अवसर पैदा कर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में जलमार्ग उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.

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