झारखंड के देवघर जिले में रविवार को एक तीन मंजिला इमारत ढह गई. यह घटना शनिवार को गुजरात के सूरत में एक इमारत के ढहने के बाद हुई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई. जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ के साथ-साथ अन्य बचाव टीमों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर तैनात किया है. मलबे में 6 से 7 लोग दब गए थे उनमें से 4 को बाहर निकालने में कामयाबी मिली है. इन सभी को इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल भेजा गया, जहां दो की मौत हो गई. वहीं दो का इलाज जारी है. मृतकों की पहचान 30 वर्षीय सुनील यादव और 50 वर्षीय मनीष दत्त द्वारी के रूप में हुई है. प्रशासन अभी मलबा हटाने का काम कर रहा है.
देवघर कमिश्नर विशाल सागर ने बताया कि सीता होटल के समीप रविवार सुबह एक तीन मंजिला बिल्डिंग ढह गई. इस बारे में सूचना मिलते ही एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को तत्काल घटना स्थल पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए भेजा गया. रेस्क्यू में दमकल और पुलिस विभाग की टीमें भी एनडीआरएफ की मदद कर रही हैं. मौके पर एम्बुलेंस की तैनाती की गई है. देवघर कमिश्नर के मुताबिक मलबे में 6 से 7 लोग दब गए. स्थानीय लोगों ने दो बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे, देवघर पुलिस अधीक्षक भी मौके पर उपस्थित रहे.
निशिकांत दुबे ने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'देवघर में आज सुबह 6 बजे के आसपास बमबम झा पथ पर तीन मंजिला मकान ढह गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत एनडीआरएफ की टीम भिजवाया. सुबह से मैं खुद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व स्थानीय लोगों के साथ घटना स्थल पर मौजूद हूं. स्थानीय लोगों ने अभी तक 3 लोगों को तथा एनडीआरएफ ने 1 महिला को बचाया है. बचाव कार्य जारी है, घायलों के लिए देवघर एम्स ने इलाज की सुविधा कर रखी है.
रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे एनडीआरएफ इंस्पेक्टर रणधीर कुमार ने कहा, 'अब तक चार लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिन्हें अस्पताल भेजा गया. इनमें से दो की मौत हो गई. जबकि दो अन्य के मलबे में फंसे होने की आशंका है. उन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं. एनडीआरएफ की टीम बिल्डिंग के मलबे को कटर से काटकर हटा रही है'. इससे पहले गुजरात के सूरत में शनिवार को एक छह मंजिला इमारत ढह गई थी. मलबे से रविवार सुबह तक 7 लोगों के शव निकाले जा चुके थे. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन के मुताबिक कई और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.