झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोटोन थाना अंतर्गत दुरुला सेरेंगसिया पंचायत क्षेत्र के पदमपुर गांव की सीमा पर सब्जी के खेत में एक गर्भवती हथिनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. हथिनी की मौत कैसे और क्यों हुई यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. मृत गर्भवती हथिनी की मौत को लेकर लोग तरह-तरह की आशंका जता रहे हैं.
बताया जा रहा है कि मृत हथिनी झुंड का हिस्सा थी और उसकी मौत के बाद भी झुंड के हाथी काफी देर तक पास के जंगल में ही मौजूद रहे. उधर, घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच की. इसके बाद वन विभाग की मेडिकल टीम द्वारा मृत हथिनी का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के दौरान मृत हथिनी के पेट से एक नवजात हाथी को भी निकाला गया.
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नवजात हथिनी की भी मौत हो चुकी थी. नवजात हाथी को देखकर स्थानीय ग्रामीण काफी भावुक हो गए. हथिनी की मौत सभी के लिए रहस्य बन गई है. वहीं, चाईबासा वन प्रमंडल के डीएफओ आदित्य रंजन ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची.
इसके बाद गर्भवती हथिनी की घटनास्थल पर ही चिकित्सक से जांच कराई गई. इसके बाद नियमानुसार उसका पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के दौरान गर्भवती हथिनी के पेट से नवजात शिशु हाथी को भी निकाला गया. लेकिन वह शिशु भी मृत पाया गया. एक साथ दो हथिनी की मौत से वन विभाग भी मर्माहत है.
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डीएफओ ने बताया कि हथिनी का विसरा सुरक्षित कर लिया गया है और उसे जांच व आगे की कार्रवाई के लिए फोरेंसिक टीम के पास भेज दिया गया है. विसरा की जांच के बाद जो रिपोर्ट आएगी, उससे पता चलेगा कि हथिनी की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई. इसके बाद ही वन विभाग की टीम इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी. डीएफओ ने बताया कि हथिनी की मौत गंभीर मामला है. अगर किसी की लापरवाही से हथिनी की मौत हुई है या इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.