देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे प्रोजेक्ट की शुरुआत अब झारखण्ड के साहिबगंज से होगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक बैठक करके प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्यों की जानकारी ली.
यह योजना एक साथ उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में शुरू होनी है. इन पांच में से चार राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकार होने की वजह से अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में अब केंद्र ने इस योजना की शुरुआत झारखण्ड से करने की कवायद शुरू कर दी है.
झारखण्ड में साहेबगंज एकलौता ऐसा जिला है जहां से गंगा नदी गुजरती है. बिहार के भागलपुर के बाद कल-कल करती गंगा झारखण्ड के साहेबगंज और राजमहल इलाके को छूती हुई पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर जाती है. गंगा नदी इस दौरान झारखण्ड में कुल 83 किलोमीटर की दूरी तय करती है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास साहेबगंज जाकर नमामि गंगे प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इसके तहत गंगा नदी के आस-पास बसे 78 गावों में तुरंत शौचालय निर्माण करवाने और गंगा में गिरने वाली प्रदूषित जल की रोकथाम करने के आदेश दिए है. इन 78 में से 62 गावों में शौचालय बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके तहत कुल 39 हजार शौचालयों का निर्माण किया जायेगा.
दूसरे राज्यों में इस प्रोजेक्ट को लेकर हो रही देरी को देखते हुए केंद्र ने भी इसकी शुरुआत झारखण्ड से करने का मन बना लिया है. गौरतलब है कि इन पांच में से चार राज्यों में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जदयू और तृणमूल कांग्रेस की सरकार है. झारखण्ड में ही बीजेपी की पूर्ण बहुमतवाली सरकार सत्ता में है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत एक ऐसे राज्य से हो रही है जहां गंगा सबसे कम दूरी तय करती है.