झारखंड के लातेहार में उग्रवादी संगठन जेजेएमपी हार्डकोर के उग्रवादी और 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर मनोहर परहिया अपने सहयोगी के साथ सरेंडर कर दिया. मनोहर ने बताया कि सरकार के नीति से प्रभावित होकर आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. अब आम नागरिक की तरह अपने परिवार के साथ अपना जीवन बिताऊंगा.
आत्मसमर्पण की नीति ‘नई दिशा’ से प्रभावित होकर जोनल कमांडर मनोहर परहिया उर्फ विमलेश परहिया और दीपक कुमार भुईयां उर्फ कुंदन ने जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा, सीआरपीएफ के डीआईजी पंकज कुमार, लातेहार एसपी अंजनी अंजन, समादेष्टा रविशंकर मिश्रा, वेद प्रकाश त्रिपाठी, अभिनव आनंद, विनोद कुमार कनौजिया और रंधीर कुमार झा के समक्ष सरेडर किया.
2004 से नक्सली गतिविधियों में था शामिल
लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र स्थित अम्बाटीकर का रहने वाला मनोहर परहिया उर्फ विमलेश साल 2004 में गांव के कुछ लड़कों के साथ भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. साल 2010 में भाकपा माओवादी संगठन को छोड़कर 2011 में जेजेएमपी संगठन में शामिल हुआ. इसके बाद साल 2012 में उसे सबजोनल कमांडर बनाया गया. उपेंद्र सिंह खेरवार जोनल कमांडर ने साल 2018 में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद मनोहर को जोनल कमांडर बना दिया गया था.
2018 में जेजेएमपी से जुड़ा था दीपक कुमार
वहीं, मनोहर के कहने पर पलामू जिले पांकी थाना क्षेत्र के चांपीकला का रहने वाला दीपक कुमार भुईयां साल 2018 में जेजेएमपी से जुड़ा था. मनोहर पर लातेहार, पलामू के विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि जेजेएमपी के दो उग्रवादियों ने सरकार की नीति से प्रभावित होकर आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.
पुलिस के दबाब से सरेंडर को मजबूर हैं नक्सली
वहीं, सीआरपीएफ डीआईजी आरके मिश्रा ने बताया कि पुलिस के प्रयास से उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस के प्रयास लगातार नक्सलियों पर अंकुश लगाया जा रहा है. लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि पुलिस लगातार नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चला रही है. इसके चलते नक्सली जंगल में भटक रहे हैं. पुलिस के लगातार दबाव के कारण नक्सली आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं. पुलिस के प्रयास से जेजेएमपी के दो उग्रवादियों ने सरेंडर किया है.