झारखंड में पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है. दस लाख रुपये के इनामी नक्सली सुरेश मुंडा समेत दो अन्य नक्सलियों ने झारखंड पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
झारखंड सरकार के नक्सल मुक्त राज्य के अभियान के लिए इसी बड़ी सफलता मानी जा रही है. झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने के लिए भटके हुए नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने की भी कोशिश हो रही है.
यही कारण है कि बीते 10 दिनों में झारखंड पुलिस ने कई कुख्यात हार्डकोर नक्सलियों को झुकने पर मजबूर कर दिया. भाकपा माओवादी संगठन का सक्रिय सदस्य और विश्वासी जोनल कमांडर सुरेश सिंह मुंडा और एरिया कमांडर लोदरो लोहरा उर्फ सुभास ने पुलिस और CRPF के सामने आत्मसमर्पण किया.
सुरेश सिंह नक्सली संगठन का शॉर्प शूटर था और उसपर सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा था. आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों के ऊपर 121 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं.
इन पर हत्या, डकैती, अपहरण जैसे कई गंभीर मामले थानों में दर्ज हैं. पुलिस द्वारा लगातार नक्सलियों और उनके परिवार से संपर्क कर उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जा रहा जिसका परिणाम अब सामने आ रहा है.
सुकमा में 19 नक्सलियों ने किया था आत्मसमर्पण
इससे ठीक एक दिन पहले नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा में भी 19 नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया था. जिन 19 नक्सलियों ने सरेंडर किया है उसमें केएएमएस अध्यक्ष, डीएकेएमएस सदस्य, आर्थिक कमेटी सचिव, मिलिशिया सदस्य शामिल हैं.
ये सभी कई नक्सली घटनाओं में शामिल थे. आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली सुकमा के भेज्जी थाना क्षेत्र के ही निवासी हैं. नक्सलियों ने भेज्जी थाने में सीआरपीएफ कमांडेंट 219 वाहिनी नितिन कुमार, कोबरा ब्रुनो कमांडेंट 202, कमांडेंट 50 वाहिनी एनपी सिंह, नीरज कुमार, सूर्यकांत सिंह, पामुला किशोर, एएसपी सचिन्द्र चौबे, एसडीओपी गिरिजाशंकर साव, थाना प्रभारी देवेन्द्र ठाकुर के सामने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया.
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