scorecardresearch
 

नेतरहाट स्कूल फिर विवादों में, परीक्षा परिणामों में भारी गड़बड़ी

नेतरहाट स्थित झारखण्ड का प्रमुख आवासीय विद्यालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है

Advertisement
X
नेतरहाट आवासीय विद्यालय
नेतरहाट आवासीय विद्यालय

Advertisement

नेतरहाट स्थित झारखण्ड का प्रमुख आवासीय विद्यालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है. इस बार फिर से विद्यालय के परीक्षा परिणामों में भारी गड़बड़ी होने की खबरें हैं. इस फर्जीवाड़ें के तहत विद्यालय में ऐसे छात्रों को प्रवेश दिलाया गया जो झारखण्ड के निवासी हैं हीं नहीं. गौरतलब है कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय वैसे छात्रों के लिए है जो झारखण्ड के स्थाई निवासी हो.

क्या है मामला ?
दरअसल नेतरहाट स्कूल एडमिशन का रिजल्ट इस बार भी फिक्स है. फर्जीवाड़े की स्क्रिप्ट बिल्कुल 2015 की ही तरह है. बस लड़कों के नाम और उनके स्थाई पते बदले हैं, लेकिन पुराने तरीके से ही उन्हें सफल दिखा दिया गया. वैसे नियम है कि इस स्कूल में केवल झारखंड के बच्चे ही पढ़ सकते हैं, पर जारी रिजल्ट में दर्जनों बच्चे झारखंड से बाहर के हैं.

Advertisement

कैसे खुलासा हुआ
दरअसल इस बात का पता तब चला, जब विद्यालय प्रबंधन ने सफल छात्रों के मेडिकल के लिए उनके स्थाई पते पर पत्र भेजा. लेकिन, डाक विभाग की इस टिप्पणी के साथ कई पत्र वापस विद्यालय में लौट आए कि पता गलत है. 130 की सूची में करीब आधे बच्चों के स्थाई पते फर्जी हैं. आरोप है कि एसडीओ ऑफिस को सेट कर गलत आवासीय प्रमाण पत्र बनवाए गए हैं. दर्जनों सफल बच्चों के रोल नंबर भी सीरियल में हैं.

आपको बता दें कि ऐसा तभी हो सकता है, जब परीक्षा सेंटर को मैनेज किया गया हो. विद्यालय प्रबंधन ने इस बार 100 सफल बच्चों का रिजल्ट जारी किया है, जबकि प्रतीक्षा सूची में 30 बच्चों के नाम हैं. इनमें से केवल रांची प्रमंडल के ही 53 बच्चे हैं. इसमें भी लोहरदगा का प्रतिशत सबसे अधिक है. वर्ष 2015 में हुए ऐसे ही मामले में गृह सचिव की जांच में 68 फर्जी बच्चों का पता चला था, जिनका नामांकन नहीं हुआ था. जानकार बताते है कि इस बार भी बगैर गृह विभाग की जांच किए सही बच्चों का पता लगा पाना मुश्किल होगा. विद्यालय में एडमिशन के समय दस डॉक्यूमेंट्स देने होंते है. साथ ही दो उत्तरदायी लोगों का प्रमाण पत्र भी सौंपना होता है कि ये झारखंड के रहनेवाले हैं.

Advertisement
Advertisement