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छेड़खानी के सात साल बाद महिला को पांच लाख रुपये मुआवजा

ट्रेन सफर के दौरान छेड़खानी की शिकार महिला को पांच लाख रुपये बतौर मुआवजा मिलेगा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रेलवे बोर्ड को यह आदेश दिया है.

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ट्रेन सफर के दौरान छेड़खानी की शिकार महिला को पांच लाख रुपये बतौर मुआवजा मिलेगा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रेलवे बोर्ड को यह आदेश दिया है.

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दरअसल, ठीक सात साल पहले, 16 जून 2008 को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के कर्मियों ने ट्रेन में महिला के साथ छेड़खानी की थी. जब उसके पति ने इसका विरोध किया तो आरपीएफ कर्मियों ने उसपर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई. महिला अपने पति और बच्चों के साथ झारखंड के डालटेनगंज जा रही थी.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि महिला के पति पर भी हमला किया गया. उसके सिर पर चोटें आईं, उसे अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. रेलवे बोर्ड ने दलील दी कि सक्षम प्राधिकारी की जांच में चारों आरपीएफ कर्मी संलप्ति नहीं पाए गए लेकिन आयोग ने इसे नहीं माना.

एनएचआरसी के आदेश पर झारखंड की सीबी-सीआईडी और राजकीय रेलवे पुलिस के एसपी ने घटना की जांच की थी और कर्मियों को महिला के साथ छेड़छाड़ करने और उसके पति पर हमला करने का दोषी पाया था.

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