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30 दिनों में 64 मासूमों की मौत पर NHRC ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यहां मई से अगस्त के बीच विभिन्न रोगों से ग्रस्त 1,867 बच्चों को भर्ती किया गया, इनमें 164 बच्चों की मौत हो गई. वैसे यही हाल झारखण्ड के दूसरे सरकारी अस्पतालों का भी है. झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में भी बीते दिनों सिर्फ 50 रूपये कम पड़ जाने के कारण इलाज नहीं हो पाया और एक मासूम की मौत हो गयी थी.

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कांग्रेस का राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस का राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

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जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में चार महीने के अंदर 164 बच्चों की मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. बताया जाता है कि इनमें से 60 कुपोषित बच्चों की मौत 30 दिन में हुई है. इसे लेकर एनएचआरसी ने आज राज्य सरकार को नोटिस भेजा और जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है. अस्पताल में अव्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस धरने पर बैठ गई है. साथ ही  सीएम रघुवर दास, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी समेत स्वास्थ्य सचिव और एमजीएम अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है.  

कांग्रसे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय कुमार ने बच्चों की मौत के लिए झारखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यहां मई से अगस्त के बीच विभिन्न रोगों से ग्रस्त 1,867 बच्चों को भर्ती किया गया, इनमें 164 बच्चों की मौत हो गई. वैसे यही हाल झारखण्ड के दूसरे सरकारी अस्पतालों का भी है. झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में भी बीते दिनों सिर्फ पचास रूपये कम पड़ जाने के कारण इलाज नहीं हो पाया और एक मासूम की मौत हो गयी थी.

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पैसे की कमी की वजह से इलाज ना मिलने पर बच्चे की मौत का मामला जब सरकार के सामने आया तो स्वास्थ्य मंत्री ने गैर जिम्मेदाराना बयान दे डाला. विवादों से रिम्स का नाता पुराना है. इससे पहले जमीन पर मरीज को खाना परोसने से लेकर हाल ही में मरीज की किडनी का गलत ऑपरेशन करने की वजह से भी अस्पताल को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी. ताजा मामले में हैरानी इस बात को लेकर भी है कि बीपीएल तबके से आने के बावजदू मरीज को कोई लाभ नहीं मिला जबकि रिम्स में गरीब मरीजों के लिए कई तरह की जांच मुफ्त है. 

 

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