रांची में जहरीली शराब पीने से बीते तीन दिनों में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बुधवार को वॉलीबॉल कोच अमित कुमार समेत 2 की मौत हो गई वहीं करीब दर्जन भर से ज्यादा लोग अस्पताल में मौत से जूझ रहे हैं.
दूसरी तरफ पुलिस और उत्पाद महकमे ने छापेमारी करते हुए कई अवैध शराब के ठिकानों को ध्वस्त किया है. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है. इस मामले में अबतक दो थानेदार और एक उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर को सरकार ने निलंबित कर दिया है.
जहरीली शराब से वॉलीबॉल कोच की भी मौत
रांची में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का सिलसिला जारी है. बुधवार को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में दो लोगों की मौत हुई. जिनमें से एक वॉलीबॉल कोच भी है. दूसरी ओर पुलिस महकमा और उत्पाद विभाग नकली शराब की तलाश में छापेमारी कर रहा है. इधर रांची के नामकुम इलाके में बड़ी मात्रा में नकली शराब और ब्रांडेड रैपर बरामद किए गए हैं. यह छापेमारी नकली शराब की सप्लाई करने वाले माफिया प्रह्लाद सिंधिया के ठिकाने पर की गई है. जहरीली शराब से जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई है उनमें जवान योगेश क्षेत्री और महादेव मुर्मू शामिल हैं. इनके अलावा तीसरे जवान विक्रम राय की हालत गंभीर है. इस मामले में उत्पाद विभाग के आयुक्त का कहना है कि उनका विभाग शराब माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करता है, लेकिन वापस छूटने के बाद वे फिर उसी काम में लग जाते हैं.
मौत पर राजनीति शुरू
रांची में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद विपक्ष सड़क पर उतर गया है. बुधवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शहर में जोरदार प्रदर्शन करते हुए इसे रघुवर सरकार की नाकामी बताया. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने आरोप लगाया कि सरकार को इस बात की चिंता नहीं है कि लोग मारे गए हैं. बल्कि उनकी चिंता कमाई बाधित होने को लेकर है. बीते तीन दिनों में हुई 10 से अधिक मौतों ने राज्य के उत्पाद विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है.
सीआईडी को सौंपी मामले की जांच
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने एक फैसला लेते हुए राज्य में शराब की बिक्री अपने हाथों में ले ली थी और अब शराब सिर्फ सरकार के द्वारा चिन्हित दुकानों से ही बेची जा रही है. हालांकि इस बीच सरकार ने पूरे मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है.