झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा में रविवार रात चार नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले नौ आरोपियों में से पुलिस ने आठ को चौबीस घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है.
झारखंड के पाकुड़ जिले के लवादा गांव में चार नाबालिग लड़कियों का हॉस्टल से अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद नौ लोगों ने उनके साथ गैंग रेप किया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के गृह सचिव एनएन पांडेय और पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार की उपस्थिति में यह बताया. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पकड़े गये आरोपियों को पुलिस तेजी से मुकदमा चलाकर सजा दिलायेगी. इसके साथ ही उन्होंने सरकार की ओर से पीड़ित चारों नाबालिग पहाड़िया आदिवासी लड़कियों की शिक्षा-दीक्षा का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की.
इससे पूर्व इस घटना को मुख्यमंत्री ने बहुत गंभीरता से लिया था और सोमवार रात पुलिस अधीक्षक एवं अन्य संबद्ध अधिकारियों को दो दिनों के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये थे. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर आरोपी नहीं पकड़े गए तो संबद्ध अधिकारियों के खिलाफ ही सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी.
उन्होंने अधिकारियों को सख्ती बरतने और दो दिनों के भीतर पूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे. झारखंड के पाकुड़ जिले में चार नाबालिग आदिवासी छात्राओं से बलात्कार को 'बर्बर और अमानवीय' करार देते हुए नवगठित झारखंड समन्वय समिति ने अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी और आदिवासी लड़कियों की सुरक्षा की मांग की. जेसीसी संयोजकों सल्खान मुर्मू और सूर्य सिंह बेसरा ने घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने और आदिवासी छात्राओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की. मुर्मू झारखंड दिसम पार्टी के अध्यक्ष भी हैं, जबकि बेसरा झारखंड पीपुल्स पार्टी के प्रमुख हैं.
मुर्मू ने कहा, 'जब लड़कियां हॉस्टल में सुरक्षित नहीं हैं, तो कैसे हम सड़कों पर लड़कियों के घूमने की कल्पना कर सकते हैं.' इस घटना की निंदा करते हुए दोनों ने राज्य प्रशासन पर बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर रोक लगाने में विफल रहने का आरोप लगाया और तत्काल अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की. यह घटना राज्य में झामुमो नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार के बनने के एक दिन बाद गत रविवार को हुई थी.