scorecardresearch
 

झारखंड: सवालों के घेरे में संदिग्ध माओवादियों का एनकाउंटर

झारखंड के पलामू में सोमवार रात हुए संदिग्ध माओवादियों के एनकाउंटर पर विवाद खड़ा हो गया है. पुलिस जिन 12 माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने की बात कह रही है, उनमें से पांच का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है.

Advertisement
X
Palamu encounter
Palamu encounter

झारखंड के पलामू में सोमवार रात हुए संदिग्ध माओवादियों के एनकाउंटर पर विवाद खड़ा हो गया है. पुलिस जिन 12 माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने की बात कह रही है, उनमें से पांच का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है.

Advertisement

गौरतलब है कि सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में सोमवार की रात 12 माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया गया था. मारे गए माओवादियों में से 11 की पहचान कर ली गई है.

इनमें नक्सली अनुराग के अलावा मारे गए पांच अन्य लोग सीपीआई (माओवादी) से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे. इनका पुलिस के पास रिकॉर्ड है. इनमें से उदय यादव और नीरज यादव शिक्षक के पद पर थे और बताया जाता है कि वे लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में शामिल थे. जबकि माओवादी कमांडर अनुराग के बेटे संतोष कुमार, भतीजा योगेश कुमार, स्कॉर्पियो चालक मोहम्मद एजाज और 15 साल के महेंद्र सिंह के नक्सली होने का कोई रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है. मारे गए लोगों में से एक की पहचान नहीं हो सकी है.

बचाव में पुलिस के एडीजी एसएन प्रधान का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि पुलिस के पास हर नक्सली का क्रिमिनल रिकॉर्ड हो.

Advertisement
Advertisement