ईडी की टीम जांच में आगे की कार्रवाई करते हुए झारखंड के मंत्रालय पहुंची. जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत बुधवार को रांची में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के परिसरों पर छापा मारा. ईडी के अधिकारी अपने साथ मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल को लेकर पहुंची. ED की टीम ने करीब साढ़े 3 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान ED ने संजीव लाल के दफ्तर से 1 लाख 75 हज़ार के नए नोट और 28 हजार की 500 के पुरानी करेंसी के नोट बरामद किए. इतना ही नहीं ED ने दफ्तर से कुछ जरूरी दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिससे संजीव लाल का अपराध सिद्ध होता है.
यह छापेमारी झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम से पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर की गई. दोनों को केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार को गिरफ्तार किया था. ईडी ने कोर्ट के आदेश पर छह दिनों की पूछताछ के लिए संजीव लाल को रिमांड पर लिया है. संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम को कोर्ट से लेकर ईडी ग्रामीण विकास विभाग के कार्यालय पहुंची. जांच को आगे बढ़ाने के लिए ईडी कागजात खंगालने पहुंची थी.
बता दें कि सोमवार को ED ने जब राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के घर पर छापा मारा तो यहां नोटों का भंडार मिला था. इतनी बड़ी मात्रा में कैश मिलने के बाद नोट गिनने के लिए बैंक कर्मचारियों को नोट गिनने वाली मशीनों के साथ बुलाया गया. इस मामले में कुल 6 जगहों पर छापेमारी हुई. कुल 35.23 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया गया है.
ऐसे खुला पूरा मामला
गौरतलब है कि ईडी ने बीते साल चीफ इंजीनियर के यहां 10 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में छापेमारी की थी. इस दौरान उनका बयान दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि मिनिस्टर के यहां रिश्वत का पैसा पहुंचाया जाता है. उसके बाद झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का नाम पहली बार सामने आया था. इस जांच के दौरान ही आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल का नाम सामने आया और अब संजीव लाल के घर में काम करने वाले नौकर के यहां ये कैश बरामद हुआ.
कौन हैं आलमगीर आलम?
आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं और अभी राज्य सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं. इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे. विरासत में राजनीति मिलने के बाद आलमगीर ने सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति में प्रवेश किया. 2000 में पहली बार वह विधायक बने और तब से लेकर अब तक 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं.