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झारखंड में अपने झुंड से बिछड़ा हाथी आतंक कायम किया हुआ है. अब तक बीते कुछ दिनों में अलग-अलग जिलों में उसने दर्जनों से ज्यादा जानें ले ली हैं. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) (IFS ) शशिकर सामंता ने बताया कि हाथी अपने झुंड से अलग हो गया है, इसलिए काफी गुस्से में है. इसी ने हजारीबाग से आतंक फैलाया है. वहां से चतरा में भी इसने एक जान ली. उसके बाद ये लातेहार की तरफ गया, वहां भी जान ली. लोहरदग्गा में हाथी ने 5 लोगों को मार डाला और अब रांची में 4 लोगों को मार चुका है.
आईएफएस अफसर सामंता ने बताया कि झुंड से अलग होकर हाथी काफी आक्रामक हो जाता है. दूसरा उसके गुस्साने का कारण प्राकृतिक निवास स्थान से छेड़छाड़ भी है. उनके खाने के साधन जंगल में कम होते जा रहे हैं. जंगल भी सिकुड़ते जा रहे हैं. लोग भी हाथी को देखते उसके साथ छेड़छाड़ पर उतर आते हैं. इसके अलावा धान की खुशबू से भी खेतों के तरफ और जिन घरों में धान रखा हुआ है, उसके तरफ हाथी खींचे चले आते हैं. लोग कैसे अपना बचाव करें? इसके लिए 18 सूत्रीय गाइडलाइन भी जारी की गई है...
पीसीसीएफ को लगता है कि बेकाबू हाथी को पकड़ने के लिए यहां एक्स्पर्टीज़ नहीं, बल्कि उसके लिए बगल के राज्यों से या तो प्रशिक्षित लोगों को बुलाकर हाथी को ट्रेंकुलाइज करवाना होगा, या फिर इसको उस झुंड से मिलवाना होगा, जिससे ये बिछड़ गया है. या फिर हाथियों को बुलाकर इस हाथी को पकड़ना होगा. देखें Video:-
वन विभाग के अफसर के मुताबिक, झारखंड में 700 के करीब हाथी हैं. लेकिन उनका व्यवहार आक्रामक नहीं रहा है. वहीं, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में सिर्फ 40 हाथी हैं और वो ज्यादा नुकसान करते हैं.