
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिपोर्ट मांगी गई है. हाईकोर्ट के आदेश पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के स्वास्थ्य की लेटेस्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है. लालू के स्वास्थ्य की रिपोर्ट 20 अक्टूबर को ही हाईकोर्ट में जमा करना है. लालू का उपचार कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद लालू की किडनी फंक्शन और डायबिटीज की जांच कर वे रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेंगे.
उन्होंने कहा कि लालू यादव की पैथोलॉजी रिपोर्ट आ गई है. डॉक्टर उमेश ने बताया कि लालू यादव की किड्नी में अभी भी थोड़ी दिक्कत है. लालू की पिछली रिपोर्ट और वर्तमान रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन कर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है. वैसे उनकी स्थिति पहले से बेहतर है. चिकित्सक के मुताबिक लालू यादव जब रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी पेइंग वार्ड में भर्ती थे, तब वे मानसिक रूप से काफी परेशान थे. हमेशा डर के माहौल में रहते थे, हमेशा चिंतित रहते थे. लालू को हमेशा कोरोना का डर सताता रहता था.
दरअसल लालू यादव जिस वार्ड में थे, उस वार्ड के ठीक ऊपर कोरोना वार्ड बनाया गया था. इसी वजह से लालू यादव हमेशा डर के साए में रहते थे. पहले उनका खान-पान भी ठीक नहीं था. किडनी का फंक्शन भी ठीक नहीं था. लालू यादव को रिम्स का डायरेक्टर बंगला भा गया है. केली बंगले में रहकर लालू पहले से काफी बेहतर हैं और फिलहाल पूरी तरह स्वस्थ हैं.
पैथोलॉजी रिपोर्ट के मुताबिक लालू को किड्नी में थोड़ी दिक्कत है. उनका क्रिटनीन लेवल थोड़ा बढ़ा हुआ है. लेकिन यहां रहने के बाद लालू का डायबिटीज, मानसिक स्थिति, स्वभाव भी बिलकुल ठीक हो गया है. लालू के चिकित्सक के मुताबिक केली बंगला काफी खुला है. उनके घूमने-टहलने के लिए मुफीद है. वहां कोरोना संक्रमण का खतरा भी नहीं है. इस वजह से लालू पहले से काफी बेहतर हैं.
लालू को चाईबासा ट्रेजरी केस में मिली हुई है बेल
गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चाईबासा ट्रेजरी केस में जमानत मिली हुई है, लेकिन दुमका ट्रेजरी मामले की सुनवाई अभी बाकी है. चारा घोटाले से जुड़े तीन अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद लालू 23 दिसंबर, 2017 से जेल में हैं. उन्हें मई 2018 में इलाज के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसे बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. अगस्त 2018 से उनका रिम्स में इलाज चल रहा है.
बिन लालू बिहार चुनाव में नहीं हो पा रहा 'फील गुड'
इस दफे बिना लालू के ही बिहार का विधानसभा चुनाव हो रहा है. लालू के बिना बिहार की जनता के साथ-साथ उनके समर्थकों को फील गुड नहीं हो रहा है. सियासी गणित के माहिर लालू यादव की कमी उनकी पार्टी को बहुत खल रही है. लालू की गैरमौजूदगी से आरजेडी परेशान है तो उनके दोनों बेटों के लिए लालू की विरासत को आगे बढ़ाना भी काफी मुश्किल है.