राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत 10 दिन तक झारखंड के प्रवास पर हैं. मोहन भागवत मंगलवार (9 जुलाई) को ही रांची पहुंच गए थे. जानकारी के मुताबिक संघ 10 दिन तक झारखंड में मंथन करेगा. इस दौरान शताब्दी वर्ष को लेकर चर्चा होगी, जो कि अगले साल यानी 2025 में मनाया जाना है.
सर संघचालक मोहन भागवत 12 से 14 जुलाई तक अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारकों की बैठक में हिस्सा लेंगे. मई-जून में हुए संघ के प्रशिक्षण वर्गों की 2 महीनों की शृंखला के बाद देशभर के सभी प्रांत प्रचारक इस बैठक में मौजूद रहेंगे.
संघ की संगठन योजना में कुल 46 प्रांत बनाए गए हैं. बैठक में संघ के प्रशिक्षण वर्ग के वृत्तांत और समीक्षा, आगामी वर्ष की योजना का क्रियान्वयन, सरसंघचालक के वर्ष 2024-25 की प्रवास योजना जैसे विषयों पर चर्चा होगी. साथ ही संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) को लेकर बैठक में विचार विमर्श होगा.
RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि सर संघचालक मोहन भागवत प्रचारकों की बैठक को संबोधित भी करेंगे, लेकिन वो भाषण संघ के प्रांत प्रचारकों के लिए ही होगा. साथ ही झारखंड में जो प्रासंगिक विषय हैं और जो प्रचारक चर्चा करेंगे. उस पर भी बात होगी.
क्या आदिवासियों की मांग के मुताबिक उन्हें सरना कोड यानी अलग धार्मिक पहचान मिलनी चाहिए. इस पर आंबेकर ने कहा कि हर फीडबैक जो दिया जाएगा, उस पर बात होगी. धर्मांतरण पर चर्चा के सवाल पर सुनील आंबेकर ने कहा कि प्रासंगिक विषयों पर संघ की नजर रहती है और चर्चा भी होती है. इतना ही नहीं, समस्या के समाधान पर भी बात होती है.
उन्होंने कहा कि संघ देश के हर मंडल में शाखा को पहुंचाना चाहता है. शताब्दी वर्ष के पहले शाखा की संख्या 1 लाख तक ले जाने का लक्ष्य है, ताकि शाखा हर आम आदमी तक पहुंचे. आंबेकर ने कहा कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना बड़ा लक्ष्य है.