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SC से राहत मिलने पर शिबू सोरेन खुश, कहा- CBI ने फंसाया था

आपको बता दें कि इस मामले में शिबू सोरेन के अलावा चार और लोग अभियुक्त बनाए गए थे. यह मामला 1994 का है. दरअसल, साल 1993 में हुए सांसद रिश्वतकांड के दौरान शशिनाथ झा शिबू सोरेन के निजी सचिव के तौर पर काम करते थे.

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शिबू सोरेन (फाइल)
शिबू सोरेन (फाइल)

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शशिनाथ झा हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब हुए. सोरेन ने कहा कि उन्हें राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाया गया था, वे जल्द ही उन लोगों को बेनकाब करेंगे. शुक्रवार को अपने आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दबाव बनाकर गलत तरीके से उन्हें फंसाया.

इसके अलावा झामुमो के राज्यसभा सांसद संजीव कुमार का कहना है कि सीबीआई पर भी केस चलना चाहिए क्योंकि जांच के दौरान सीबीआई ने गलत एविडेंस प्लांट किया.

गौरतलब है कि शिबू सोरेन को निचली अदालत ने शशिनाथ झा की हत्या के आरोप में उन्हें कसूरवार मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा है.

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क्या मामला था?

आपको बता दें कि इस मामले में शिबू सोरेन के अलावा चार और लोग अभियुक्त बनाए गए थे. यह मामला 1994 का है. दरअसल, साल 1993 में हुए सांसद रिश्वतकांड के दौरान शशिनाथ झा शिबू सोरेन के निजी सचिव के तौर पर काम करते थे.

मामले की जांच के दौरान उन्हें धमकियां मिली थी, जिसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई थी. इस बीच 22 मई, 1994 के दिन दिल्ली के धौलाकुआं इलाके से झा का अपहरण किया गया था. उन्हें 23 मई 1994 को अंतिम बार रांची में नंद किशोर मेहता के घर देखे जाने का दावा किया गया था.

परिजनों की शिकायत के बाद 1 अगस्त 1996 को जांच सीबीआई के सुपुर्द कर दी गई थी. अगस्त 2007 में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह कहते हुए शिबू सोरेन सहित चार लोगों को बरी कर दिया कि सीबीआई उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाने में विफल रही थी.

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