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सेल्फ स्टडी के बल पर UPSC में श्रुति ने हासिल की 25वीं रैंक, वैन चालक के बेटे ने भी गाड़ा झंडा

यूपीएससी 2021 की परीक्षा में इस बार झारखंड से 21 स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल की है. श्रुति राजलक्ष्मी झारखंड से यूपीएससी की टॉप रैंकर हैं और उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 25वीं रैंक हासिल की है. इसके अलावा जमशेदपुर में एक वैन चालक के बेटे ने भी कामयाबी हासिल की है.

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श्रुति राजलक्ष्मी ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल की 25वीं रैंक
श्रुति राजलक्ष्मी ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल की 25वीं रैंक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • झारखंड के 21 स्टूडेंट्स को मिली यूपीएससी की परीक्षा में सफलता
  • श्रुति ने सेल्फ स्टडी के बल पर हासिल की 25वीं रैंक

झारखंड की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में एक स्कूल वैन चालक के बेटे ने यूपीएसपी परीक्षा पास कर अपने परिवार का नौम रौशन किया है. वहीं श्रुति राजलक्ष्मी झारखंड में यूपीएससी की स्टेट टॉपर बनी हैं.

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जमशेदपुर के आदित्यपुर कॉलोनी रोड में रहने वाले स्कूल वैन चालक विजय कुमार ठाकुर के इकलौते पुत्र सुमित ठाकुर ने यूपीएससी की परीक्षा में 263वीं रैंक हासिल की है.

बेटे के अफसर बनने की खबर से ही परिवार फूला नहीं समा रहा है. सुमित इस समय बेंगलुरु में है और उन्होंने आईएएस की तैयारी भी वह वहीं रहकर की थी. सुमित ने रामकृष्ण मिशन स्कूल बिष्टुपुर से साल 2012 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी को ही अपना लक्ष्य बना लिया था और आईएएस बनने का सपना देखा था.

सुमित ने बीआईटी सिंदरी से साल 2018 में बीटेक पूरा किया था. उन्होंने बताया कि बीआईटी सिंदरी से पासआउट होने के बाद तीन बड़ी कंपनियों में उनका कैंपस प्लेसमेंट हो गया था, लेकिन उन्हें वो नौकरी मंजूर नहीं थी.

सुमित ने बताया कि इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और तीसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है. पिछले साल उन्हें 435वां रैंक मिला था जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया था. 

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साल 2019 में सुमित अपने पहले प्रयास में सिर्फ 3 नंबर से चूक गए थे. सुमित बताते हैं कि उनकी तैयारी को बूस्टअप तब मिला जब भारत सरकार के स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में तीसरा रैंक मिला था.

सुमित बताते हैं कि उन्हें दिल्ली की भीड़भाड़ पसंद नहीं थी इसलिए उन्होंने बेंगलुरु में रहकर खुद से तैयारी करने का फैसला लिया. कोचिंग के रूप में उन्होंने केवल जनरल स्टडी के लिए 3 महीने की कोचिंग ली थी लेकिन उन्हें वो भी रास नहीं आयी और खुद ही उसकी भी तैयारी करने लगे. सुमित के घर में पिता के अलावा उनकी मां नीता ठाकुर और बड़ी बहन हैं जो शादीशुदा हैं.

झारखंड के 21 बच्चों ने यूपीएससी में मारी बाजी

बता दें कि इस साल झारखंड़ के 21 होनहार स्टूडेंट्स ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है. इनमें से श्रुति राजलक्ष्मी स्टेट टॉपर बनी हैं और उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग 25 है.

यूपीएसपी पास करने के बाद श्रुति राजलक्ष्मी ने कहा कि इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग और अन्य महंगी पुस्तकों पर निर्भर ना रहें. उनका मानना है कि प्रतिदिन 5-7 घंटे की पढ़ाई से सफलता हासिल की जा सकती है.

श्रुति बीएचयू आईआईटी से 2019 में कंप्यूटर साइंस से पास करने के बाद एक साल नौकरी की और फिर सेल्फ स्टडी के जरिए यूपीएससी की तैयारी में जुट गई. श्रुति के पिता आनंद कुमार पेशे से वकील हैं जबकि मां प्रीति रानी समाज कल्याण पदाधिकारी हैं. उसकी प्रारंभिक शिक्षा लोयला स्कूल रांची में हुई और फिर जमशेदपुर में साइंस की टॉपर रही हैं.

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