देश लगाए पदक की उम्मीद, यहां खिलाड़ियों को पड़े हैं खाने के लाले...ऐसा ही कुछ हाल झारखंड के सिमडेगा में खेल प्राधिकरण द्वारा चल रहे दो स्पोर्ट्स सेंटरों का है. ये वही सेंटर है जिसने भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल सलीमा टेटे को तराश कर हीरा बनाया है. सलीमा टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की अहम खिलाड़ी थीं.
अब इस हॉकी सेंटर के हालात ऐसे हैं कि लड़कियों को पिछले डेढ़ साल से पोषण राशि नहीं मिली है. कोरोना के कारण पिछले साल अप्रैल में प्रशिक्षण पा रही छात्राओं को अपने-अपने घर भेज दिया गया था और उनके पौष्टिक भोजन के लिए प्रतिदिन 175 रुपये उनके खाते में भेजे जाने थे. लेकिन अभी तक कोई राशि उनके खाते में नहीं पहुंची है.
सिमडेगा के इस हॉकी सेंटर की अधिकतर लड़कियां गरीब परिवारों से आती हैं और सेंटर की बदौलत देश और विदेश में अपना नाम रोशन करती हैं. लेकिन खेल प्राधिकरण की लापरवाही के कारण आज उनको खाने के लाले पड़ गए हैं. कुछ को माड़ भात खा कर गुजारा करना पड़ रहा है तो कुछ को खेतों में मजदूरी भी करनी पड़ रही है.
दीप्ति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
ऐसा ही हाल राज्य को दर्जनों बार प्रतिनिधित्व कर मेडल दिलाने वाली सिमडेगा की दीप्ति का है, जिसे पेट भरने के लिए खेतों में काम कर माड़ भात खा कर गुजारा करना पड़ रहा है. वहीं, जिला खेल पदाधिकारी तुषार राय का कहना है कि ऐसे हालात जिले के सभी सेंटरों का नहीं है. जिले में राज्य सरकार के खेल विभाग द्वारा संचालित सेंटरों में राशि नियमित रूप से भेजी जा रही है. खेल प्राधिकरण द्वारा संचालित सेंटरों में ही ये परेशानी है.
(इनपुटः सिमडेगा से सुनील सहाय)