झारखंड के ग्रामीण इलाके इनदिनों अंधविश्वास की काली छाया के लपेटे में हैं. इस वजह से बीते एक हफ्ते में गुमला, सिमडेगा और पलामू में छह लोगों को डायन-बिसाही बताकर मार डाला गया. इनमें चार महिलाएं हैं. सिमडेगा में तो पंचायती फरमान जारी कर दो महिलाओं को मौत के घाट उतारा गया.
सबूत मिटाने के उद्देश्य से इन शवों को गांव वालों ने जंगल की एक गुफा में छुपा दिया. इन सभी मामलों की पुलिस जांच कर रही है. खबर लिखे जाने तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
बताते चलें कि अत्यंत नक्सल प्रभावित और पिछड़े जिले में शुमार सिमडेगा के कोलेबिरा इलाके में दो महिलाओ की हत्या कर दी गई. उनपर गांववालों को जादू-टोना करने का संदेह था. मृतका रतनी देवी और विमला देवी बुजुर्ग थीं. उन पर जादू-टोने करने का आरोप लगाकर पंचायत ने मार डालने का फरमान जारी कर दिया.
गुमला में भी एक बुजुर्ग दम्पति की गांव वालों ने डायन होने के आरोप में लाठी डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी. मृतक दंपत्ति मोहर गोप और भानु देवी कोंडेकेरा गांव के रहने वाले थे. मृतक दम्पति ने सिसई पुलिस से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी.
गांव में पहुंचकर पुलिस ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन देते हुए गांव वालों को समझाया था. लेकिन मौका मिलते ही उनकी हत्या कर दी गई.