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छुट्टी मिल जाती तो 20 अप्रैल को ही घर जाने वाले थे सुकमा के शहीद आशीष

छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके में कल हुए नक्सली हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस हमले में CRPF के 25 जवानों ने अपनी शहादत दी.

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सुकमा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते गृहमंत्री राजनाथ सिंह
सुकमा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते गृहमंत्री राजनाथ सिंह

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छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके में कल हुए नक्सली हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस हमले में CRPF के 25 जवानों ने अपनी शहादत दी. इन शहीदों में झारखंड का भी एक लाल आशीष कुमार सिंह था, जो गढ़वा जिले का रहने वाला था. आशीष की मां ने बताया कि वह 20 तारीख को छुट्टी लेकर घर आने वाले थे, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिल पाई.

आशीष की शहादत की खबर मिलते ही परिवार सन्न रह गया, वहीं पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया. मंगलवार को शाम गढ़वा, हेलीपैड से पार्थिव शरीर को सीधे पुलिस लाइन ले जाया गया जहां पुलिस अधिकारी,जनप्रतिनिधि, जवान और आम लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई. अपने साथी को अंतिम सलाम देते समय इन जवानों के चेहरे उनके अंदर के गम को दर्शा रहे थे. उन्होंने अपने साथी की शहादत को नमन किया.

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पत्नी से कहा था 30 को आऊंगा
गढ़वा जिले के शहीद आशीष कुमार सिंह के सिर से पिता का साया पहले ही उठ चुका था. बेहद गरीबी में पलकर बड़े हुए आशीष ने खुद मंजिले तय कीं. लोग बताते है कि आशीष स्वभाव से काफी मिलनसार और हंसमुख था. कुछ दिनों पहले उसने अपनी पत्नी को फ़ोन कर कहा था कि बच्चों का ख्याल रखना , तीस तारीख को आने की कोशिश करूंगा.

आशीष की मां ने बताया, 'बीस तारीख को आने का था, लेकिन छुटटी नहीं मिली तीस को आने को बोला था. आशीष के चाचा रमेश सिंह ने बताया कि उनके पिता का तब ही निधन हो गया थाा, जब उनकी उम्र तीन साल थी.

झारखंड में तेज हुआ नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन
नक्सली हमले की खबर मिलते ही झारखंड में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. वहीं राज्य के बूढ़ा पहाड़ पर चल रहा एंटी-नक्सल ऑपरेशन तेज कर दिया गया है. खास तौर पर उन इलाकों में जहां नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाए जा रहे हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है. बूढ़ा पहाड़ इलाके में सुरक्षा बल बीते एक पखवारे से अभियान चला रहे है. बताया जाता है कि यहां सुरक्षा बलों ने एक बड़े और इनामी नक्सली अरविन्द को घेर रखा है, जिस पर 25 लाख का इनाम है.

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CRPF के IG संजय लातेकर ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ इलाके में खास सतर्कता बरती जा रही है . पुलिस का प्रयास यह है कि सुरक्षा के साथ अभियान चलाया जाय. छत्तीसगढ़ में हुए हमले ने जहां सुरक्षा बलों को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने पर मजबूर किया है, वहीं सरकार भी अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है. झारखंड पुलिस पहले ही कह चुकी है कि 2018 तक राज्य से नक्सलियों का खात्मा कर दिया जाएगा.

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