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RSS के प्रधान प्रचारकों की मीटिंग रांची में शुरू, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

आरएसएस 2025-26 में होने वाले शताब्दी समारोह की तैयारियों में जुटा है. ऐसे में संघ के नेता लगातार बैठक कर रहे हैं. शताब्दी समारोह का आयोजन किस तरह से होगा, उसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है.

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आरएसएस की रांची में बैठक. तस्वीर प्रतीकात्मक है
आरएसएस की रांची में बैठक. तस्वीर प्रतीकात्मक है

झारखंड की राजधानी रांची में आरएसएस (RSS) के प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार से शुरू हो गई. इसका उद्देश्य संघ के विस्तार के साथ आने वाले शताब्दी समारोह के सेलिब्रेसन से जुड़ी तैयारियों पर भी विचार विमर्श करना है.
  
रांची में हो रही संघ की इस बैठक में आरएसएस के टॉप लीडर्स के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत, संघ के महासचिव  दत्तात्रेय होसबोले, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और तमाम प्रांत प्रचारक शामिल होंगे.
 
आरएसएस देश भर में अपना विस्तार तेजी से कर रहा है, उसका लक्ष्य है कि आने वाले समय में देश के प्रत्येक मंडल (10 से 15 गांव) में कम से कम एक संघ की शाखा हो, इसी उद्देश्य को लेकर वो निरंतर आगे बढ़ रहा है. मौजूदा वक्त में देश भर में संघ की कुल 73000 से ज्यादा शाखाएं काम कर रही हैं. इस बात की जानकारी अखिल भारतीय प्रचारक (all-India publicity) सुनील अंबेडकर ने ये बात 10 जुलाई को एक प्रेस कॉनफ्रेंस दी.

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, संघ 2025-26 के शताब्दी समारोह के सेलिब्रशन की तैयारियों में जुटा है. इस क्रम में लगातार बैठकों का दौर जारी है, शताब्दी समारोह का आयोजन किस तरह से होगा, उसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है. इसके लिए पूरा संघ परिवार तत्परता से लगा है. 2025 की विजयादशमी के दिन आरएसएस अपना 100 साल पूरा कर रहा है.

रांची की इस बैठक में आरएसएस की योजनाओं और प्रस्ताव को अमल में कैसे लाना है, इस पर भी विचार विमर्श होगा. साथ ही साल 2024-25 में होने वाली मोहन भागवत की यात्रा और अन्य उच्च अधिकारियों के भ्रमण पर भी चर्चा होगी.

इस चर्चा में भाग प्रांत प्रचारक लेगें, जो 46 गठनात्मक प्रांतों की जिम्मेदारी संभालते हैं, साथ ही आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता भी इस मीटिंग में भाग लेंगे. तीन दिन चलने वाली ये बैठक 14 जुलाई की शाम में समाप्त हो जाएगी.

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