भारत सरकार के निर्देश पर झारखंड में भी गायों और दुधारू पशुओं का आधार कार्ड बनाने का काम शुरू हो गया है. देश में पहली बार हो रहे इस तरह के कार्यक्रम में अब तक 12 हजार गायों का आधार कार्ड बनाकर गायों के कानों में टैग कर दिया गया है. इसमें गाय के मालिक का नाम, पता, दूध देने के क्षमता, कब बीमार हुई, कब-कब गर्भवती हुई जैसी सूचनाएं डाली गई हैं.
12 डिजिट का एक यूनिक आईडेंटिफिकेशन कोड
यह कार्यक्रम इंफोर्मेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडक्शन एंड हेल्थ यानी आईएनएपीएच के तहत चलाया जा रहा है. फिलहाल राज्य के 20 लाख पशुओं की UID बनाने का लक्ष्य है. रांची में गायों का यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर तैयार किया जा रहा है. अब महज इस आधार कार्ड के जरिए पशुओं की स्थिति का पता चल सकेगा. इस आधार कार्ड में 12 डिजिट का एक यूनिक आईडेंटिफिकेशन कोड है, जिसके सॉफ्टवेयर में डालते ही पशु के बारे में सभी दर्ज जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी.
हो रहा है गायों का पंजीकरण
फिलहाल इसके तहत गायों का पंजीकरण कराने का काम चल चल रहा है. बाद में इसमें भैसों सहित दूसरे दुधारू पशुओं को भी शामिल किया जाएगा. बहुत जल्द ही इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा. इस काम की जिम्मेदारी झारखंड स्टेट इंप्लेमेंट एजेंसी फॉर कैटल एंड बुफेलो यानी JSIACB को सौंपी गई है.
लावारिस पशुओं की भी टैगिंग की जाएगी
विभाग के मुताबिक गायों और अन्य पशुओं की टैगिंग के साथ-साथ इसमें लावारिस पशुओं की भी टैगिंग की जाएगी. इन पशुओं के UID नंबर में उम्र, नस्ल, सेक्स, ऊंचाई, रंग, सींग के प्रकार के अलावा किसी खास निशान की जानकारी भी दी जाएगी. वैसे केंद्र सरकार का निर्देश है कि हर गाय और उसके बछड़े का भी यूआईडी नंबर होना चाहिए ताकि उसे आसानी से ट्रैक किया जा सके. फिलहाल इसे राज्य के आठ जिलों रांची, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, झारखंड, देवघर, लोहरदगा और गिरिडीह में शुरू किया गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से गायों के पहचान की सिफारिश
गौरतलब है कि पशुओं की तस्करी के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इसे रोकने और इनकी रक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं. सरकार ने कोर्ट को बताया था कि गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अगुआई में एक कमेटी बनाई गई थी, जिसने सरकार से कई सिफारिशें की हैं. इनमें से एक सिफारिश में गाय की पहचान तय करने के लिए UID नंबर देने की भी बात कही गई थी. दरअसल इसी के तहत झारखंड में गायों की टैगिंग की जा रही है.