तीन दशक से नक्सलियों के गढ़ रहे झारखंड के बूढ़ा पहाड़ (Budha Pahar) को नक्सलियों से पूरी तरह से मुक्त करा लिया गया है. बुधवार को सीआरपीएफ डीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे सीआरपीएफ ने बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से आजाद कराया है.
बूढ़ा पहाड़ के नक्सली फ्री होने पर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीआरपीएफ को बधाई दी है. बूढ़ा पहाड़ एरिया झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है. यह दशकों से नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है.
सीआरपीफ डीजी कुलदीप सिंह (CRPF DG Kuldeep Singh) ने कहा, "सीआरपीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है. लातेहार और गढ़वा जिले में स्थित बूढ़ा पहाड़ को लगभग 32 सालों बाद एक बार फिर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करा लिया है."
उन्होंने बताया, "बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए ऑपरेशन ऑक्टोपस (Operation Octopus), ऑपरेशन बुलबुल (Operation Bulbul) चलाया गया. बूढापहाड़ में अभी भी ऑपरेशन थंडर (Operation Thunder) चलाया जा रहा है. अब कई सालों बाद ये एरिया सुरक्षा बलों के कब्जे में है."
डीजी का कहना है कि इस एरिया में 20 से ज्यादा फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) बनाए गए हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके को तीन तरफ से कब्जे में ले लिया गया है.
मारे गए हैं नक्सली
डीजी कुलदीप सिंह ने बताया, "छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य एरिया में भी सुरक्षाबल लगातार जंगलों की तरफ बढ़ रहे हैं. यहां के जंगली इलाकों में 19 फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस बनाए गए हैं. यहां लगातार ऑपरेशन जारी है. साल 2021 में 5 माओवादियों का मार गिराया गया था."
उन्होंने आगे बताया, "इस साल अभी तक 7 माओवादी मारे जा चुके हैं. इसके साथ ही यहां मौजूद माओवादी सरेंडर भी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के कोर एरिया में कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां पर अभी मुश्किल है. मगर, सुरक्षाबलों की कोशिश जारी है."
बिहार से नक्सलियोंं का सफाया
इस दौरान डीजी सीआरपीएफ ने यह भी कहा कि बिहार के चक्रबंदा में भी हम लोगों ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया था. इसमें पांच फॉरवर्डिंग ऑपरेटिंग बेस बनाए गए थे. चार बार नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ था. नतीजतन आज बिहार लगभग पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो चुका है.
गृहमंत्री अमित शाह ने दी बधाई
गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए ट्वीट किया है. अमित शाह ने लिखा है, ''देश की आंतरिक सुरक्षा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में सुरक्षाबलों ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है. इसके लिए सीआरपीएफ, सुरक्षा एजेंसियों और राज्य पुलिसबलों को बधाई देता हूं.''
दूसरे ट्वीट में गृहमंत्री शाह ने लिखा, "पहली बार बूढा पहाड़, चक्रबंधा और भीमबांध के दुर्गम क्षेत्रों से माओवादियों को सफलतापूर्वक निकालकर सुरक्षाबलों के स्थाई कैंप स्थापित किए गए हैं. नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवाद और LWE के विरुद्ध गृह मंत्रालय की जीरो टॉलेरेंस की नीति जारी रहेगी और ये लड़ाई आगे और तेज होगी."
एक अन्य ट्वीट में गृहमंत्री शाह ने लिखा, "शीर्ष माओवादियों के गढ़ में महीनों तक चले इन अभियानों में सुरक्षा बलों को अप्रत्याशित सफलता प्राप्त हुई. जिसमें 14 माओवादियों को मार गिराया गया और 590 से अधिक की गिरफ्तारी/आत्मसमर्पण हुआ. इसमें लाखों-करोड़ों के ईनामी माओवादी जैसे मिथिलेश महतो, जिस पर एक करोड़ का इनाम था पकड़े गए हैं.
( रिपोर्ट - जितेंद्र सिंह )