झारखंड में उत्पाद विभाग के सिपाही बहाली के लिए आयोजित दौड़ में कई अभ्यर्थी बेहोश हो गए थे. इनमें से अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है. इस घटना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं प्रशासन मौत की वजह को लेकर कई दावे कर रहे हैं. ऐसे ही एक मृतक युवक अरुण कुमार का मौत से पहले का वीडियो सामने आया है, जिसमें उसने बताया कि जब वह बेहोश हो रहा था तो मदद मांगने के बावजूद कोई अधिकारी बचाने नहीं आया. उसने यह भी कहा कि दौड़ से पहले कोई दवा नहीं ली थी.
पलामू में दौड़ के दौरान अरुण कुमार नामक एक होनहार युवा अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा. उन्हें तत्काल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. हालत बिगड़ने पर उन्हें रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया. परिवार की इच्छा पर उन्हें मेदिनीनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां 30 अगस्त को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
ये भी पढ़ें- झारखंड सिपाही भर्ती प्रक्रिया तीन दिन के लिए स्थगित, CM ने दिए इन बदलावों के आदेश
अधूरा रह गया अरुण का सपना
अरुण कुमार एक होनहार युवा था. उसने रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया था और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया था. अरुण का सपना सरकारी नौकरी पाना था. इसके लिए वह रांची में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. उनके भाई के अनुसार, अरुण नियमित रूप से दौड़ का अभ्यास करते थे और वह इस भर्ती परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार थे. दौड़ के बारे में केवल उनके भाई को पता था, परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी नहीं थी.
बेहोश होने से पहले अरुण ने लगाई थी मदद की गुहार
अरुण कुमार की मौत से ठीक पहले का एक वीडियो सामने आया है. इसमें वह बता रहे हैं कि उन्होंने कोई नशा नहीं किया था और न ही कोई दवा खाई थी. वीडियो में अरुण यह भी कहते दिख रहे हैं कि जब उनकी तबीयत खराब हुई, तो उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. यह वीडियो प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है, जो इस दुखद घटना का मुख्य कारण हो सकता है.
देखें वीडियो...
परिवार ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार
अरुण की चचेरी बहन मांशु कुमारी, जो उसी दौड़ में उनके साथ थीं, उन्होंने इस घटना के लिए सीधे तौर पर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि इस गर्मी और नमी के मौसम में शारीरिक परीक्षाओं का आयोजन नहीं होना चाहिए था. उन्होंने सरकार से इस मामले की गंभीरता से जांच की मांग की है. अरुण के पिता गिरजा राम ने बताया कि उनके बेटे को प्लाज्मा चढ़ाया गया, जो संभवतः उसकी मौत का कारण बना.