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जमीन पर कब्जा दिलाने गई थी पुलिस, नोकझोंक के बाद ग्रामीणों से हुई मारपीट, वीडियो वायरल

गढ़वा में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि प्रेमनाथ उरांव और हरिहर उरांव के बीच चल रहे भूमि विवाद में कोर्ट का फैसला प्रेमनाथ उरांव के पक्ष में आने के बाद प्रशासन दखल देने के लिए पहुंचा था. जिसके बाद यह विवाद हुआ और कई लोग घायल हो गए.

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ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर हुई मारपीट
ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर हुई मारपीट

झारखंड के गढ़वा से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जहां जमीनी विवाद में दखल देने पहुंची पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस घटना में पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हुए. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

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बताया जा रहा है कि प्रेमनाथ उरांव और हरिहर उरांव के बीच चल रहे भूमि विवाद में कोर्ट का फैसला प्रेमनाथ उरांव के पक्ष में आने के बाद प्रशासन दखल देने के लिए पहुंचा था. दोनों पक्षों के बीच लगभग बीस एकड़ भूमि का विवाद है. इस दौरान गुस्साए लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस को आत्मरक्षा के जवाब में हवाई फायरिंग और लाठी चार्ज करना पड़ा. 

 

ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प 

इस घटना में चार पुलिसकर्मियों को काफी चोटें आई हैं. जिन्हें रमना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. दो जवानों की गंभीर हालत को देकते हुए उन्हें गढ़वा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. घायलों में दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की, अनुमंडल पुलिस निरक्षक रतन कुमार सिंह,नगर ऊंटरी थाना प्रभारी विकास कुमार, रवि किशोर सिंह, सहायक आरक्षी विकेश कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक रमाकांत यादव, सहायक अवर निरीक्षक अरुण कुमार रजक, पुलिस जवान नरेंद्र कुमार, संजय हेब्रम, विजेंद्र कुमार सिंह, रामदेव उरांव का नाम शामिल हैं.

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इस घटना में कई पुलिसकर्मी हुए घायल

दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केश नंबर 3/22 में डिग्री धारी प्रेमनाथ उरांव को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पहुंचे थे. जमीन मापी के क्रम में प्रतिवादी द्वारा खुटा गड़ी नहीं करने को लेकर विवाद शुरू कर दिया.काफी समझाने के बाद भी वे लोग नही माने साथ ही भूमि नापी करने आए कर्मियों पर उग्र होकर अचानक हमला कर दिया. पुलिस पर हमला करने वाले एक हमलावर कुलदीप उरांव को पुलिस ने अपने हिरासत में ले लिया है जब की अन्य लोग फरार बताए जा रहे है.

जमीन पर कब्जा दिलाने को लेकर हुआ विवाद

जानकारी के अनुसार वादी प्रेमनाथ उरांव व हरिहर उरांव सहित अन्य के साथ वर्ष 1996 से भूमि का विवाद चल रहा था. जिसके बाद प्रेमनाथ उरांव को कोर्ट के द्वारा जायज ठहराते हुए डिग्री दे दी. जमीन पर दखल कब्जा कराने को लेकर दंडाधिकारी अपने दलबल के साथ पहुंचे थे. लेकिन प्रतिवादी हरिहर उरांव, सुरेश उरांव, संजय उरांव, लालदेव उरांव, रामेश्वर उरांव, राजमोहन उरांव, छोटू उरांव, राममोहन उरांव, राजेश्वर उरांव एवं केश्वर उरांव ने विवाद खड़ा कर दिया और पुलिस के साथ झड़प शुरू कर दी. 

पुलिस ने 159 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की

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इस मामले पर एसपी दीपक पांडे ने बताया की कोर्ट के आदेश पर रमना पुलिस पीड़ित को दखल दिलाने के लिए गई हुई थी. इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. जिसमें 11 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. मामले में 44के खिलाफ नामजद और 159 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. 
 

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