नक्सली संगठन चलाने के आरोप में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव के तार अब ह्यूमन ट्रैफिकिंग से भी जुड़ने लगे हैं. दिल्ली में योगेन्द्र की गिरफ्तारी जिस पन्ना लाल नामक शख्स के घर से हुई थी, वह झारखंड में ट्रैफिकिंग के चार मामलों में नामजद अभियुक्त है. पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश है, लेकिन दिलचस्प यह है कि पुलिस ने साव की गिरफ्तारी के वक्त वहां मौजूद पन्ना लाल को गिरफ्तार नहीं किया.
जाहिर तौर पर दिल्ली के शकरपुर इलाके में पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव का पन्ना लाल के घर ठहरना कई सवाल खड़े करता है. पन्ना लाल पर खूंटी जिले की लड़कियों को महानगर में बेचने के चार मामले दर्ज हैं. इनमें एक सात साल की बच्ची को गायब करने का भी आरोप है. सीआईडी और झारखंड पुलिस दोनों को इस बारे में जानकारी है, लेकिन योगेन्द्र साव की गिरफ्तारी के वक्त पन्ना लाल के मौजूद होते हुए भी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार नहीं किया.
बताया जाता है की पन्ना लाल ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के धंधे से खूब कमाई की है और रांची में घर और जमीन खरीदे हैं. रांची के पॉश इलाकों में मौजूद इनकी कीमत करोड़ों रुपये है. प्रदेश में मानव तस्करी ने तार पहले भी सफेद पोश लोगों से जुड़ते रहे हैं, लेकिन साव का पन्ना लाल के घर ठहरना अपने-आप इस रिश्ते की पुष्टि करता है.
बहरहाल, योगेन्द्र साव की गिरफ्तारी को झारखंड पुलिस भले ही बड़ी उपलब्धि मान रही हो, लेकिन जिस तरह से पन्ना लाल का मामला सामने आया है, पुलिस और सीआईडी की किरकिरी हो गई है.