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झारखंड: भूख से महिला की मौत! जांच की आड़ में लीपापोती की तैयारी

झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के मगरगढ़ी गांव की रहने वाली सावित्री देवी की मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक, सावित्री की मौत भूख के कारण हुई है.

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झारखंड में म‍हिला की भूख से मौत
झारखंड में म‍हिला की भूख से मौत

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झारखंड के गिरिडीह जिले के एक गांव में एक महिला की भूख से मौत होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वहीं, इसको सामान्य मौत करार देने की कवायद भी शुरू हो गयी है. दरअसल, एक ओर प्रशासन इसे बीमारी से हुई सामान्य मौत बताने पर तुला है. वहीं मृतक महिला के घरवाले इसे भूख से हुई मौत का मामला बता रहे हैं.

क्‍या है मामला?

झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के मगरगढ़ी गांव की रहने वाली सावित्री देवी की मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक, सावित्री की मौत भूख के कारण हुई है. उनका कहना है कि सावित्री देवी को तीन दिनों तक खाना नहीं मिला, जिस वजह से मौत हो गई.

सावित्री के परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक लापरवाही की वजह से सावित्री का राशन कार्ड नहीं बन पाया. सावित्री इस संबंध में सभी जरूरी कागजात दो महीने पहले ही विभाग को सौंप चुकी थी. 65 वर्षीय सावित्री देवी के दो बेटे हैं जो काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं. उनकी कमाई इतनी नहीं है कि वे घर पर पैसा भेज सकें. सावित्री देवी को वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिलता था.

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शव का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ

इन सबके बीच सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि शव का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया. हालांकि सावित्री देवी की मौत की जानकारी स्थानीय प्रशासन को मिल चुकी थी. उसने अपने दो अधिकरियों को इसकी जांच के लिए घटनास्थल पर भेजा भी था, लेकिन मौके पर पहुंचे बीडीओ ने कहा कि यह सामान्य मौत है. इसलिए शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा.

जब लोगों के विरोध किया तो प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने इसे भूख और आर्थिक तंगी से हुई मौत करार दिया. साथ ही उन्होंने स्थानीय राशन डीलर पर ठीकरा फोड़ दिया. उन्‍होंने कहा कि, सभी डीलरों से कहा गया है कि विशेष परिस्थिति में वे बिना कार्ड के जरुरतमंद को राशन दे सकते हैं.

जांच की आड़ में लीपापोती की तैयारी

इस मामले में राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री सरयू राय का कहना है कि मामले की जांच ADM रैंक के अधिकारी करेंगे. साथ ही मौके पर गए दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनसे पूछा गया है कि संदेहास्पद मौत की सुचना के बाद भी उन्होंने शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया. मंत्री जी का मानना है कि अगर पोस्टमार्टम हो गया होता तो सारी चीजें साफ हो गयी होतीं.

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