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रांची से भी जुड़े हैं यासीन भटकल के तार

भारतीय खुफिया एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल इंडियन मुजाहिदीन के किंगपिन रियाज भटकल उर्फ यासीन भटकल को भले ही नेपाल में पकड़ा गया हो, पर उसके तार रांची से भी जुड़े हुए थे.

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यासीन भटकल
यासीन भटकल

भारतीय खुफिया एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल इंडियन मुजाहिदीन के किंगपिन रियाज भटकल उर्फ यासीन भटकल को भले ही नेपाल में पकड़ा गया हो, पर उसके तार रांची से भी जुड़े हुए थे.

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रांची पुलिस के पास जो सूचना है, उसके मुताबिक अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए भटकल ने रांची पासपोर्ट आफिस में अप्लाई भी किया था, जिसमें उसने अपना नाम अंजर हुसैन बताया था. हालांकि भटकल अपने इस मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाया था.

बताया जाता है कि इंडियन मुजाहिदीन के आका भटकल ने पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया था. वाकया 20 जनवरी, 2010 का है, जब रियाज ने अंजर हुसैन के फर्जी नाम से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. उसकी फोटो और पता फर्जी थे. बताया जाता है कि इस आवेदन को पुणे के यरवदा जेल में मारे गए जाली नोटों के तस्कर मो. कातिल सिद्दीकी ने तैयार करवाया था. ऐसे में भटकल की गिरफ्तारी के बाद रांची के पासपोर्ट ऑफिस में हडकंप मच गया. बताया तो यहां तक जा रहा है कि भटकल के छद्म नाम के इस पासपोर्ट के लिए जिला पुलिस ने प्रारंभिक अनुशंसा भी पूरी कर ली थी. लेकिन उसी साल नकली नोट के मामले में भटकल को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कोलकाता पुलिस ने ही भटकल के छद्म नाम वाले पासपोर्ट से सम्बंधित दस्तावेज रांची पुलिस को मुहैया कराया था. भटकल की गिरफ्तारी के बाद रांची पुलिस के आलाधिकारी पूरे मामले की छानबीन में जुटे हैं.

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गौरतलब है कि रांची पहले से ही IM की गतिविधियों के कारण चर्चा में रहा है. IM के आतंकी मंजर इमाम ने हाल ही में कई बड़े खुलासे भी किये थे, जिसमे उसने यहां तक कहा था कि रांची में घायल आतंकवादियों का इलाज भी कराया गया है.

रांची से ताल्लुक रखनेवाले IM के आतंकी दानिश ने पकडे जाने के बाद अपने कबूलनामे में कहा था कि 2008 के अहमदाबाद ब्लास्ट के बाद यासीन भटकल रांची में छिपा था. यहीं से उसने IM को मजबूत करने का काम किया था. इस दौरान अहमदाबाद ब्लास्ट का एक और आरोपी तौकीर भी रांची आया था. जांच एजेंसियों की मानें, तो बीते कुछ सालों में IM ने झारखण्ड और खासकर रांची में अपनी गहरी पैठ दर्ज की है. इन जांच एजेंसियों का यहां तक कहना है कि समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट का आरोपी रामजी उर्फ़ रामचंद्र कालसांगरा ने भी ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद यहीं पनाह ली थी.

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