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Jharkhand: मां की जमानत न मिलने पर युवक ने कोर्ट में खाया जहर, अस्पताल में भर्ती

कोडरमा न्यायालय परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पारस वर्मा नामक युवक ने मां की जमानत न मिलने पर जहर खा लिया. पारस की मां पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज था, जिसके चलते वह जेल में थीं. समय रहते पुलिस ने युवक को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत स्थिर है. पारस का आरोप है कि कोर्ट में केवल महिलाओं की ही सुनी जाती है.

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 अस्पताल में पारस वर्मा.
अस्पताल में पारस वर्मा.

झारखंड के कोडरमा न्यायालय परिसर में सोमवार को एक सनसनीखेज घटना सामने आई. अपनी मां को जमानत न मिलने से परेशान एक युवक ने कोर्ट परिसर में ही जहर खा लिया. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है.

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जानकारी के मुताबिक, गिरिडीह जिले के रहने वाले पारस वर्मा की शादी दो साल पहले कोडरमा के डोमचांच-फुलवरिया की माया मेहता से हुई थी. पहले दोनों के बीच संबंध अच्छे रहे, लेकिन बाद में विवाद बढ़ने लगा. इस दौरान दोनों को एक बच्ची भी हुई. लेकिन रिश्तों में खटास बढ़ती चली गई और मामला कोर्ट तक पहुंच गया. माया ने अपने पति पारस वर्मा, सास-ससुर और गोतनी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया.

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चार दिन पहले पुलिस ने पारस की मां चमेली देवी को गिरिडीह के बेंगाबाद से गिरफ्तार कर कोडरमा जेल भेज दिया. पारस का कहना है कि उसकी मां हार्ट की मरीज हैं और जेल में नहीं रह सकतीं. सोमवार को वह मां की जमानत के लिए कोर्ट पहुंचा, लेकिन जब जमानत नहीं मिली, तो उसने सदमे में आकर जहर खा लिया.

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पुलिस की तत्परता से बची जान

कोर्ट परिसर में हड़कंप मचते ही मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत पारस के मुंह से जहर निकालने की कोशिश की और फिर उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों का कहना है कि पारस की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है. पारस वर्मा का कहना है कि उसकी मां पर झूठा आरोप लगाया गया है और कोर्ट में सिर्फ महिलाओं की ही बात सुनी जाती है. उसने कहा, मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है, मेरी मां जेल में नहीं रह पाएगी, वो मर जाएगी.

वहीं, उसकी पत्नी माया मेहता का कहना है कि उसे उसकी गोतनी के दबाव में मायके भेज दिया गया और सात महीने तक पति से बात नहीं करने दी गई. इसी के चलते उसने मजबूर होकर केस दर्ज कराया. फिलहाल मामला न्यायालय में विचाराधीन है.

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