कोरोना काल में शिक्षा पद्धति को भी काफी हद तक बदल दिया है. कॉलेज और स्कूल शिक्षा दोनों ही अब ऑनलाइन पद्धति पर आ चुकी है. लेकिन यह ऑनलाइन पढ़ाई जानलेवा भी साबित हुई है. ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आया है. (ग्वालियर से सर्वेश पुरोहित की रिपोर्ट)
ग्वालियर में 11 साल का एक होशियार छात्र, जो पांचवीं में पढ़ाई कर रहा था, उसने अपने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजन इस सुसाइड का संभावित कारण ऑनलाइन पढ़ाई को मान रहे हैं.
थाटीपुर थाना क्षेत्र के दर्पण कॉलोनी में रहने वाला 11 साल का सार्थक पांचवीं कक्षा का छात्र था और चौहान प्याऊ स्थित अमर पब्लिक स्कूल से वह अपनी स्कूली शिक्षा ले रहा था. कोरोना काल में स्कूल जाना तो संभव नहीं हो पाया, ऐसे में ऑनलाइन क्लास अटेंड करना उसकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था.
सार्थक दो ऑनलाइन क्लास अटेंड करता था. पहली क्लास दोपहर 1:30 से 2:00 बजे तक होती थी तो वहीं दूसरी क्लास दोपहर 3:00 से 3:30 बजे तक चला करती थी. लेकिन बुधवार शाम न जाने ऐसा क्या हुआ कि सार्थक ने फांसी जैसा कदम उठा लिया.
सार्थक ने बुधवार शाम से पहले दोनों ऑनलाइन क्लास अटेंड कीं. उसके बाद भी वह ऑनलाइन वीडियो सर्च कर अपनी एक्स्ट्रा पढ़ाई के नोट तैयार करता रहा, फिर अचानक से स्कूल टाई को लेकर वह घर के बाथरूम में पहुंचता है और शॉवर के टाई को गले में बांध कर फंदे पर झूल जाता है.
काफी देर तक जब सार्थक की मौजूदगी परिजनों को नहीं मिलती है तब वह उसे ढूंढते हुए बाथरूम में पहुंचते हैं तो पाते हैं कि उनका मासूम बेटा फांसी के फंदे पर झूल रहा है और अब इस दुनिया में नहीं है.
मामले की सूचना तत्काल थाटीपुर थाना पुलिस को दी जाती है. मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया है. पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है. पुलिस का मानना है कि फिलहाल जल्दबाजी में ऑनलाइन क्लास को आत्महत्या का मुख्य कारण नहीं माना जा सकता, ऐसे में पुलिस हर एंगल से पूरे मामले की जांच कर रही है.