उत्तराखंड में आपदा के महीने भर बाद भी मध्य प्रदेश के 1052 श्रद्धालु लापता हैं. इनमें 25 से ज्यादा लोग भोपाल से ही हैं. आने वाले समय में सरकार भले ही उन्हें मृत मान ले, पर परिजन हर पल उनके लौट आने के इंतजार में हैं.
इनमें भोपाल के अरेरा कालोनी में रहने वाला श्रीवास्तव परिवार भी है. परिवार का लाडला 16 साल का सत्यम माता-पिता के साथ केदारनाथ गया था. 17 जून की सुबह छह बजे मंदिर के पास आए सैलाब को उनके माता-पिता अनुपमा और पराग ने खुद झेला है. जब सैलाब आया तो बेटा उनसे कुछ दूरी पर था. पति-पत्नी को सैलाब बहाकर ले गया लेकिन करीब एक किलोमीटर तक बहने के बाद लोगों ने किनारे खींचकर उन्हें बचा लिया. लेकिन उनके इकलौते बेटे का कोई पता नहीं चला. तीन दिनों तक वे दिन-रात वो अपने लाडले को खोजते रहे. सत्यम की मां का कहना है कि उनका बेटा ज़िंदा है क्योंकि उसकी कुंडली में लिखा है कि वह जिंदा बचकर आएगा.
श्रीवास्तव परिवार जैसा आलम यहां कई जगह हैं. किसी अच्छी खबर की आस में पीड़ित परिवार दिन काट रहे हैं. उधर , मध्य प्रदेश सरकार की बचाव टीम उत्तराखंड से लौट आई है. टीम अब लापता लोगों के परिजनों से एक बार फिर सूची मिलान करेगी. उत्तराखंड राहत प्रभारी और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया, 'प्रदेश के 1052 लोगों की लापता होने की शिकायत उनके परिजन ने लिखाई है. अब हम उसकी तहकीकात जिला स्तर से करा रहे हैं. पुष्टि का आंकडा पांच-सात दिन में मिल जाएगा.'
लापता लोगों के परिजन को केंद्र और प्रदेश सरकार कुल सात लाख रुपये की राशि मुआवजे को तौर पर दे रहे हैं. इसमें तीन लाख केंद्र, दो लाख उत्तराखंड और दो लाख मध्य प्रदेश सरकार देगी.