मध्य प्रदेश में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने एक ऐसी चूक कर दी जिसके बाद वो चर्चा का विषय बने हुए हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश के अशोकनगर में अपने दो दिवसीय दौरे पर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां कोरोना से मरने वाले 150 से ज्यादा लोगों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन सरकारी आंकड़ों की बात करें तो शहर में सिर्फ 34 लोगों का ही कोरोना के चलते निधन हुआ है.
अशोकनगर में अपने प्रवास के दौरान सिंधिया ने जनसंपर्क किया. जहां एक मंच पर उन्होंने लोगों को कोरोना का पथ भी पढ़ाया. उन्होंने वायरस के बारे में बात करते हुए कहा कि पहला वायरस जो मुझे हुआ था वो अल्फा वायरस था और जो दूसरा वायरस है वो डेल्टा रूप है. उन्होंने कहा कि ये वायरस 8 गुना तेजी से फैलता है.
कोरोना का पाठ पढ़ाते हुए सिंधिया ने बताया कि अल्फा वायरस की बूंदें बहुत महीन होती हैं (जबकि एक्सपर्ट्स के अनुसार अल्फा वैरिएंट की बूंदे मोटी होती हैं). हालांकि दूसरे ही पल सिंधिया ने अपने बयान में सुधार भी किया.
वहीं सिंधिया ने मंच पर अपनी ही तारीफों के कसीदे भी पढ़े. सिंधिया यहां अपनी तारीफ़ में इतना डूब गए कि उन्होंने अपने बयान में ये इशारा दे डाला कि मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के दौरान जो भी मदद हुई वो एमपी सरकार ने नहीं बल्कि उन्होंने की है.
सिंधिया ने मंच से कहा कि ऑक्सीजन के लिए देश में टैंकर की कमी थी, मैंने विदेश से टैंकर मंगवाए. मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं था, मैंने ऑक्सीजन लाने के लिए वायु सेना को फोन किया. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका से भारत ने जो बड़े-बड़े प्लेन खरीदे जिनमें टैंकर-ट्रक जाते हैं, उन पेंस को मैंने ग्वालियर बुलवाया.
सिंधिया ने कहा कि टैंकरों की लम्बाई बहुत थी तो हमने टायर को पंचर कर के प्लेन में घुसाया. (सिंधिया ने यहां ऊंचाई की जगह लंबाई कहा). सिंधिया यहीं नहीं थमे उन्होंने आगे कहा कि जब एक एक व्यक्ति को इंजेक्शन की जरूरत थी, भारत में तो इंजेक्शन बनते नहीं थे, मैंने एक कंपनी से निवेदन कर के मैंने मध्य प्रदेश में दस हजार इंजेक्शन मई में, एक लाख इंजेक्शन अप्रैल में दिलवाए.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने ऑक्सीमीटर भेजा, मैंने थर्मामीटर भेजा, अशोकनगर में मैंने ऑक्सीजन प्लांट दिया, मैंने एम्बुलेंस भेजी. सिंधिया द्वारा मंच पर दिए गए इन सभी बयानों से राजनीतिक गलियारों में चर्चा को हवा मिल गयी है. जिसके बाद अब सिंधिया की चूक और उनके बयानों की ही चर्चा चल रही है.